क्या सी-डॉट ने आईआईटी रुड़की के साथ एमओयू साइन किया? भारत की ग्लोबल टेलीकॉम इनोवेशन में स्थिति होगी मजबूत
सारांश
Key Takeaways
- सी-डॉट और आईआईटी रुड़की ने एमओयू साइन किया।
- एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी।
- उद्देश्य स्वदेशी रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
- यह टेलीकॉम क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
- छात्रों और स्टार्ट-अप्स को तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संचार मंत्रालय के अनुसार, दूरसंचार विभाग के प्रमुख आरएंडडी सेंटर सी-डॉट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटीआर) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता ज्ञापन आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत और सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
इस एमओयू के तहत, सी-डॉट आईआईटी रुड़की में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) स्थापित करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य एडवांस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में स्वदेशी रिसर्च, इनोवेशन और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।
सीओई का फोकस वायरलेस कम्युनिकेशन, क्वांटम टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी और एआई आधारित एप्लीकेशन के क्षेत्रों में अनुसंधान पर रहेगा। इसकी स्थापना से आईआईटीआर की अकादमिक विशेषज्ञता और सी-डॉट की उद्योग शक्ति का लाभ उठाते हुए अकादमिक-उद्योग तालमेल को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप्स को भारत की इनवोवेशन और आत्मनिर्भरता की यात्रा में योगदान देने के लिए तैयार किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, सी-डॉट को स्वदेशी टेलीकॉम सॉल्यूशन के विकास में गहन विशेषज्ञता प्राप्त है। इस विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, यह सीओई उच्च प्रभाव वाले आरएंडडी के लिए एक समर्पित हब के रूप में कार्य करेगा, स्टार्टअप्स को समर्थन देगा और इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी को विकसित करेगा। इसके अलावा, वर्कशॉप, ट्रेनिंग प्रोग्राम और संयुक्त शैक्षणिक-उद्योग सहयोग के माध्यम से निरंतर ज्ञान-साझाकरण किया जाएगा।
इस एमओयू के माध्यम से, भारत की स्थिति ग्लोबल टेलीकॉम इनोवेशन में मजबूत होगी और देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
इस अवसर पर, छठी प्रो. ए.के. कमल मेमोरियल लेक्चर सीरीज के तहत सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने "विकसित भारत के लिए स्वदेशी संचार तकनीकों का निर्माण" विषय पर व्याख्यान दिया।
यह व्याख्यान भारत के दूरसंचार परिदृश्य, भारत 6जी विजन, टेलीकॉम वैल्यूचेन, मानकों और भारत के लिए अवसरों पर केंद्रित था।
डॉ. उपाध्याय ने 4जी और 5जी, त्रिनेत्र साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन, सुरक्षित क्वांटम कम्युनिकेशन, आपदा प्रबंधन, संचार साथी जैसे एआई-इनेबल्ड एडवांस टेलीकॉम एप्लीकेशन, फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम और मिशन क्रिटिकल कम्युनिकेशन के क्षेत्रों में सी-डॉट के स्वदेशी सॉल्यूशन पर चर्चा की।