क्या अगले कारोबारी दिन घरेलू बाजार में पीली धातु कमजोर रुख के साथ खुलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- दिवाली के बाद सोने की मांग में कमी की संभावना।
- सोने की कीमतें 1.22-1.23 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक गिरने की उम्मीद।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 5.5 प्रतिशत गिरावट।
- चांदी की कीमतें भी 2 प्रतिशत से अधिक गिरी हैं।
- लंबी अवधि में सोना एक सुरक्षित निवेश संपत्ति।
मुंबई, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्लेषकों का मानना है कि दिवाली के बाद सोने की मांग में कमी आ सकती है, क्योंकि बुधवार को घरेलू बाजार में पीली धातु के कमजोर रुख के साथ खुलने की संभावना है।
यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में 5.5 प्रतिशत की भारी कमी के बाद देखी जा रही है, जो कि अगस्त 2020 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।
विश्लेषकों के अनुसार, बुधवार को बाजार खुलने पर भारतीय सोने की कीमतें घटकर लगभग 1.22-1.23 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक रह जाएंगी।
वैश्विक कीमतों में गिरावट ने उन निवेशकों के बीच मुनाफावसूली को बढ़ावा दिया है, जो हाल ही में सोने की तेजी से लाभान्वित हुए थे।
चांदी भी 2 प्रतिशत से अधिक गिरकर 47.6 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रही है, जबकि पिछले सत्र में चांदी में 7.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
सोने और चांदी दोनों की गिरावट रिकॉर्ड ऊंचाई से जारी है, जबकि वॉल स्ट्रीट पर सुस्त कारोबार के बाद एशियाई शेयर बाजारों में मिले-जुले रुझान देखने को मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि कीमती धातुओं में भारी गिरावट इस वर्ष की तेज वृद्धि के बाद मुनाफावसूली का संकेत देती है।
विश्लेषकों ने कहा, "कई निवेशक सतर्क हो गए हैं, उनका मानना है कि सोने की तेजी बबल ज़ोन में प्रवेश कर गई है।"
इस वर्ष की तेजी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से अमेरिका की राजकोषीय स्थिति को लेकर चिंताओं और इस उम्मीद से प्रेरित थी कि फेडरल रिजर्व वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है।
इस वर्ष सोने की कीमतों में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो केंद्रीय बैंकों द्वारा डॉलर से हटकर निवेश करने और खुदरा निवेशकों द्वारा एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में खरीदारी करने के कारण है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में संभावित प्रगति के संकेतों के बाद बाजार की धारणा भी सतर्क हो गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी आगामी बैठक में अच्छी डील की उम्मीद है, हालाँकि उनका यह भी मानना है कि वार्ता में अभी भी बाधाएँ आ सकती हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना एक पसंदीदा सुरक्षित निवेश संपत्ति बना हुआ है, लेकिन अल्पकालिक अस्थिरता जारी रहने की संभावना है क्योंकि निवेशक वैश्विक आर्थिक संकेतों के साथ मुनाफावसूली को संतुलित कर रहे हैं।