क्या मजबूत घरेलू मांग के चलते वित्त वर्ष 26 में भारत की विकास दर उच्च स्तर पर रहेगी?

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क्या मजबूत घरेलू मांग के चलते वित्त वर्ष 26 में भारत की विकास दर उच्च स्तर पर रहेगी?

सारांश

क्या वित्त वर्ष 26 में भारत की विकास दर मजबूत घरेलू मांग और महंगाई के न्यूनतम स्तर पर रहने के चलते उच्च स्तर पर बनी रहेगी? वित्त मंत्रालय ने अपने मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में यह महत्वपूर्ण जानकारी दी है। जानिए इस रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं को।

Key Takeaways

  • महंगाई दर न्यूनतम स्तर पर है।
  • ग्राम और शहरी मांग मजबूत है।
  • सरकारी पूंजीगत व्यय उच्च स्तर पर है।
  • कृषि गतिविधियाँ सुदृढ़ हैं।
  • जीएसटी सुधार से खपत में बढ़ोतरी हो रही है।

नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में कहा गया है कि महंगाई दर के न्यूनतम स्तर पर रहने, मजबूत ग्रामीण और शहरी मांग और सरकारी पूंजीगत व्यय के उच्च स्तर के कारण, वित्त वर्ष 26 के शेष भाग में देश की अर्थव्यवस्था की गति तेज बनी रहेगी।

रिव्यू में मंत्रालय ने बताया कि देश का व्यापक आर्थिक माहौल स्थिर है और इसे घरेलू मांग, महंगाई और अनुकूल सरकारी नीतियों का समर्थन मिल रहा है। जीएसटी सुधार से खपत में वृद्धि हो रही है और मजबूत कृषि गतिविधियों के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है।

अक्टूबर के रिव्यू में मंत्रालय ने कहा कि कॉरपोरेट प्रदर्शन सकारात्मक है और कंपनियों की बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है। संस्थागत भागीदारी के चलते घरेलू वित्तीय बाजार भी सशक्त हैं।

सरकार ने बताया कि अस्थिर वैश्विक माहौल ने एक्सटर्नल सेक्टर के लिए चुनौतियाँ पैदा की हैं। हालांकि, मजबूत सेवा निर्यात व्यापार में उतार-चढ़ाव को संतुलित कर रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में महंगाई दर 4.8 प्रतिशत रही है, जो साल के दौरान महंगाई के कम रहने का संकेत देती है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में महंगाई दर 2.6 प्रतिशत पर रहने की संभावना है, जो दर्शाता है कि शेष वित्त वर्ष में भी महंगाई निम्न स्तर पर रहेगी।

अक्टूबर में एमपीसी की बैठक में केंद्रीय गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 26 के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो अगस्त में 3.1 प्रतिशत था।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया गया है।

आरबीआई ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। मंत्रालय की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि घरेलू मांग और सरकारी नीतियों का सकारात्मक प्रभाव हमारे विकास पर है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस दिशा में आगे बढ़ें और वैश्विक चुनौतियों का सामना करें।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत की विकास दर क्यों बढ़ रही है?
भारत की विकास दर मजबूत घरेलू मांग, न्यूनतम महंगाई दर और सरकारी पूंजीगत व्यय के कारण बढ़ रही है।
महंगाई दर कितनी है?
इस साल अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में महंगाई दर 4.8 प्रतिशत रही है।
सरकारी नीतियों का क्या प्रभाव है?
सरकारी नीतियाँ घरेलू मांग को प्रोत्साहित कर रही हैं और इससे अर्थव्यवस्था को सहायता मिल रही है।
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