क्या यूएस नागरिकों को निशाना बना रहे कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
- अमेरिकी दूतावास ने सीबीआई का धन्यवाद किया।
- कई गैरकानूनी कॉल सेंटरों को समाप्त किया गया।
- मुख्य आरोपी विकास कुमार निमार को गिरफ्तार किया गया।
- इस कार्रवाई ने साइबर सुरक्षा को मजबूत किया।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अमेरिकी नागरिकों को लक्षित करने वाले एक ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इसके लिए अमेरिका ने सीबीआई का आभार व्यक्त किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में अमेरिकी दूतावास ने कहा, "भारत के सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले एक गैर-कानूनी कॉल सेंटर को समाप्त कर दिया और ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क के एक प्रमुख ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया है।"
पोस्ट में आगे लिखा गया, "संयुक्त बुद्धिमत्ता और प्रभावी कार्रवाई के माध्यम से हमारी एजेंसियां भविष्य में होने वाले धोखाधड़ी को रोकने और अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर प्रयास कर रही हैं। आपके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद।"
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान भी जारी किया जिसमें कहा गया, "सीबीआई ने ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क के एक मुख्य फरार आरोपी विकास कुमार निमार को गिरफ्तार किया है और लखनऊ में आरोपियों द्वारा चलाए जा रहे एक गैर कानूनी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो अमेरिकी नागरिकों को टारगेट करता था।"
सीबीआई ने 24 सितंबर 2024 को एक मामला दर्ज किया था। इसके बाद आरोपियों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान सीबीआई ने पुणे, हैदराबाद और विशाखापत्तनम में चलाए जा रहे 4 गैरकानूनी कॉल सेंटरों का पर्दाफाश किया और उन्हें समाप्त कर दिया था। मामला दर्ज होने के दिन से एक प्रमुख ऑपरेटिव विकास कुमार निमार फरार था। विकास ने पुणे और विशाखापत्तनम में गैरकानूनी कॉल सेंटर वीसी इंफोर्मेट्रिक्स पीवीटी डॉट एलटीडी की स्थापना और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि आरोपी को पकड़ने के लिए सीबीआई ने पुणे के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत से वारंट प्राप्त किया। इसके बाद एजेंसी ने 20 नवंबर 2025 को लखनऊ में विकास को उसके घर से गिरफ्तार किया। घर की तलाशी में 14 लाख रुपये नकद, मोबाइल और अपराध से जुड़े दस्तावेज मिले। खोजी अभियान के दौरान सीबीआई ने लखनऊ में विकास के चलाए जा रहे एक और गैर कानूनी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया, जहां से अमेरिकी नागरिकों को टारगेट किया जा रहा था। सीबीआई ने उसे भी बंद कर दिया। उस गैरकानूनी कॉल सेंटर की तलाशी में 52 लैपटॉप मिले, जिनमें डिजिटल साक्ष्य थे और जिनका उपयोग आरोपी उस साइबर क्राइम नेटवर्क को चलाने में कर रहे थे। मामले की जांच जारी है।