क्या भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध अब तक के सबसे बेहतर हैं? ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की

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क्या भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध अब तक के सबसे बेहतर हैं? ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की

सारांश

ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर फिलिप ग्रीन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को अभूतपूर्व बताया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास पर चर्चा करते हुए, उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी और सहयोग के महत्व को रेखांकित किया है।

Key Takeaways

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध अब तक के सबसे बेहतर हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंधों में नया आयाम मिला है।
  • भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रेलिया के लिए विशेष महत्व रखती है।
  • भारतीय मूल के लोगों की बढ़ती संख्या से रिश्तों में गहराई आई है।
  • ऑस्ट्रेलिया, भारत को इंडो-पैसिफिक में एक अपरिहार्य साझेदार मानता है।

नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के भारत में हाई कमिश्नर फिलिप ग्रीन ने कहा है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंध "अब तक के सबसे बेहतर" हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच रिश्तों ने नया आयाम हासिल किया है।

ग्रीन ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया "करीबी मित्र" हैं और दोनों देश आज भारतीय महासागर क्षेत्र तथा स्थिर, समृद्ध और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक के साझा लक्ष्य पर एक साथ काम कर रहे हैं। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, "हमारे द्विपक्षीय संबंधों को तीन प्रमुख कारक आगे बढ़ा रहे हैं, रणनीतिक तालमेल, आर्थिक पूरकता और मानव जीवन से जुड़ा मजबूत सेतु।"

हाई कमिश्नर के अनुसार, भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रेलिया के लिए विशेष महत्व रखती है। उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया वो चीजें पैदा करता है जिनकी भारत को अपनी विकास यात्रा के अगले चरण में जरूरत है—ऊर्जा, खनिज, धातु, कौशल और प्रशिक्षण। दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि साझेदारी है।"

ग्रीन ने भारतीय मूल के लोगों की बढ़ती संख्या को "मानवीय सेतु (ह्यूमन ब्रिज)" बताते हुए कहा कि अब करीब 10 लाख भारतीय मूल के लोग ऑस्ट्रेलिया को अपना घर बना चुके हैं, जिससे रिश्तों में भावनात्मक और सामाजिक गहराई बढ़ी है।

फिलिप ग्रीन ने कहा कि आज भारत विश्व मंच पर एक अग्रणी ताकत है और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे और अधिक सशक्त रूप से स्थापित किया है। उन्होंने 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन को भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता का ऐतिहासिक उदाहरण बताते हुए कहा, "भारत ने दुनिया की बड़ी शक्तियों को एकजुट कर एक साझा दस्तावेज स्वीकार कराया, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे बेहद जटिल मुद्दे भी शामिल थे।"

ग्रीन के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया भारत को इंडो-पैसिफिक में एक अपरिहार्य साझेदार मानता है।

हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने 2020 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी बनने के बाद पिछले पांच वर्षों में सहयोग के तेज विस्तार पर संतोष व्यक्त किया।

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व शक्ति के रूप में उभरा है, ग्रीन ने स्पष्ट रूप से कहा, "निश्चित रूप से। सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश, सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था, वैश्विक चुनौतियों पर निर्णायक भूमिका और इंडो-पैसिफिक में अपरिहार्य भागीदार, भारत आज वैश्विक मामलों में बेहद सकारात्मक और प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रहा है।"

Point of View

मैं यह कह सकता हूं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते संबंध केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व इन संबंधों को एक नई दिशा दे रहा है, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में कौन से प्रमुख कारक हैं?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को तीन प्रमुख कारक आगे बढ़ा रहे हैं: रणनीतिक तालमेल, आर्थिक पूरकता और मानव जीवन से जुड़ा मजबूत सेतु।
हाई कमिश्नर ने भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रेलिया के लिए विशेष महत्व रखती है।
क्या भारतीय मूल के लोगों की संख्या में वृद्धि से संबंधों पर प्रभाव पड़ा है?
हां, करीब 10 लाख भारतीय मूल के लोग ऑस्ट्रेलिया को अपना घर बना चुके हैं, जिससे संबंधों में भावनात्मक और सामाजिक गहराई बढ़ी है।
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