क्या भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर ने नवंबर में अद्भुत वापसी की? एलआईसी का नेतृत्व

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क्या भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर ने नवंबर में अद्भुत वापसी की? एलआईसी का नेतृत्व

सारांश

भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर ने नवंबर में न केवल बड़ी वृद्धि की है, बल्कि एलआईसी ने अपने नेतृत्व को भी बनाए रखा है। जानें कि यह बदलाव कैसे हुआ और इसके पीछे की वजहें क्या हैं।

Key Takeaways

  • भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर में नवंबर में 23% की वृद्धि हुई।
  • एलआईसी ने मार्केट में अपना नेतृत्व बनाए रखा।
  • प्राइवेट कंपनियों ने भी शानदार वृद्धि की है।
  • जीएसटी में छूट ने सकारात्मक बदलाव में सहयोग किया।
  • व्यक्तिगत नॉन-सिंगल प्रीमियम में वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर ने नवंबर में एक अद्भुत वापसी की है, जिसमें नया बिजनेस प्रीमियम साल-दर-साल आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 31,119.6 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।

केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, लाइफ-इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने लगातार तीसरे महीने दोहरे अंकों (डबल डिजिट) की मासिक वृद्धि दर्ज की। यह वृद्धि मुख्य रूप से व्यक्तिगत नॉन-सिंगल पॉलिसियों में तेजी और व्यक्तिगत व समूह दोनों सेगमेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी में छूट के बाद मार्केट में आए सकारात्मक बदलाव और पिछले साल के कम बेस इफेक्ट ने भी इस उछाल में सहायता की, जिससे इंडस्ट्री की ग्रोथ जारी रही है।

एलआईसी ने व्यक्तिगत और समूह दोनों सेगमेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करके मार्केट में अपने नेतृत्व को बनाए रखा है, जबकि प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों ने भी दोहरे अंकों की वृद्धि जारी रखी।

व्यक्तिगत नॉन-सिंगल प्रीमियम में एक महत्वपूर्ण बढ़त देखी गई, जो लगातार आने वाले प्रीमियम की मजबूती को दर्शाता है। ग्रुप बिजनेस को भी संस्थागत गतिविधियों में सुधार का लाभ मिला। हालांकि, पिछले साल के मजबूत बेस इफेक्ट के कारण इस साल समूह पॉलिसियों के रिन्युअल रेट में थोड़ी कमी आई है, लेकिन सेक्टर की कुल दिशा अभी भी सकारात्मक है।

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में पहले वर्ष के प्रीमियम में लगातार शानदार बढ़ोतरी हुई है। इसका बड़ा कारण प्राइवेट कंपनियों का योगदान है।

नवंबर में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के सिंगल-प्रीमियम बिजनेस में भी 29.4 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 19.8 प्रतिशत घटा था। वहीं नॉन-सिंगल प्रीमियम में 14.3 प्रतिशत की सामान्य बढ़त हुई, क्योंकि ग्रुप रिन्युअल कम हो गया था। हालांकि, जीएसटी कटौती के बाद लोग व्यक्तिगत नॉन-सिंगल प्रॉडक्ट्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। प्राइवेट कंपनियों ने व्यक्तिगत नॉन-सिंगल सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत की, जबकि एलआईसी ने सिंगल-प्रीमियम बिजनेस में अपनी बढ़त बनाए रखी। व्यक्तिगत लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम 26.4 प्रतिशत बढ़े, जो पिछले साल केवल 7.7 प्रतिशत थे।

केयरएज रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि नवंबर में भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर ने मजबूत वापसी की है। उन्होंने कहा कि पॉलिसियों की बढ़ती बिक्री और ग्राहकों की व्यापक भागीदारी यह दर्शाती है कि इंडस्ट्री पिछले साल बदले गए सरेंडर वैल्यू नियमों के कारण हुई एजेंसी-लेवल की दिक्कतों से अब उबर चुकी है।

-- राष्ट्र प्रेस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि उपभोक्ता विश्वास धीरे-धीरे लौट रहा है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से इस क्षेत्र को मजबूती मिली है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत के लाइफ-इंश्योरेंस सेक्टर में नवंबर में वृद्धि का मुख्य कारण क्या था?
नवंबर में वृद्धि का मुख्य कारण व्यक्तिगत नॉन-सिंगल पॉलिसियों में तेजी और जीएसटी में छूट के बाद आए सकारात्मक बदलाव थे।
क्या एलआईसी ने इस क्षेत्र में अपनी स्थिति बनाए रखी?
हाँ, एलआईसी ने व्यक्तिगत और समूह दोनों सेगमेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करके अपने नेतृत्व को बनाए रखा।
प्राइवेट कंपनियों का योगदान कैसा रहा?
प्राइवेट कंपनियों ने व्यक्तिगत नॉन-सिंगल सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत की है और उन्होंने भी दोहरे अंकों की वृद्धि जारी रखी।
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