क्या भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- भारत की सबसे छोटी चिप वैश्विक बदलाव लाएगी।
- सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
- 600 अरब डॉलर का सेमीकंडक्टर मार्केट 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करेगा।
- भारत का युवा और इनोवेशन इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाते हैं।
- चिप्स को डिजिटल हीरा माना जाता है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी में 'सेमीकॉन इंडिया 2025' का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के केवल बैकएंड से आगे बढ़ रहा है और अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनने के लिए एक फुल-स्टैक इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है।
40 से अधिक देशों के इंडस्ट्री लीडर्स, इनोवेटर्स और प्रतिनिधियों की वैश्विक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया भारत पर भरोसा करती है। दुनिया भारत में विश्वास करती है। दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है। सेमीकंडक्टर की दुनिया में, तेल को अक्सर काला सोना कहा जाता है, जबकि चिप्स को डिजिटल हीरा माना जाता है।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का सेमीकंडक्टर प्रयास केवल चिप्स बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जो वैश्विक उद्योग को नए सिरे से परिभाषित करेगा।
उन्होंने 21वीं सदी में सेमीकंडक्टर के महत्व की तुलना पिछली सदी में तेल की भूमिका से की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछली सदी को तेल ने आकार दिया और दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से जुड़ा था। लेकिन 21वीं सदी में शक्ति छोटी चिप में केंद्रित है। छोटी होने के बावजूद, इस चिप में दुनिया की प्रगति को तीव्र गति से चलाने की ताकत है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि वर्तमान में 600 अरब डॉलर का ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट आने वाले वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा और भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि देश ने अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जो वैश्विक उम्मीदों से कहीं अधिक है।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "40 से अधिक देशों के एक्सपर्ट्स की उपस्थिति साथ ही भारत की यूथ पावर और इनोवेशन, एक स्पष्ट संदेश देती है कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है और भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।"