क्या ओएनडीसी ने ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण किया और छोटे विक्रेताओं को सशक्त बनाया?: पीयूष गोयल

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क्या ओएनडीसी ने ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण किया और छोटे विक्रेताओं को सशक्त बनाया?: पीयूष गोयल

सारांश

क्या ओएनडीसी ने छोटे विक्रेताओं को सशक्त किया है? केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, ओएनडीसी ने पिछले चार वर्षों में भारत के ई-कॉमर्स को बदलने के साथ ही डिजिटल व्यापार को अधिक सुलभ बनाया है। जानें इसके पीछे की कहानी और छोटे दुकानदारों के लिए इसके प्रभाव को।

Key Takeaways

  • ओएनडीसी ने ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण किया है।
  • छोटे विक्रेताओं को डिजिटल बाजार में लाया गया है।
  • उपभोक्ताओं के लिए पहुंच बढ़ाई गई है।
  • प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है।
  • कीमतों में पारदर्शिता में सुधार हुआ है।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को घोषणा की कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ने पिछले चार वर्षों में भारत के ई-कॉमर्स को पूरी तरह से बदल दिया है। इसके माध्यम से डिजिटल व्यापार पहले के मुकाबले अधिक सरल हो गया है और अधिक विक्रेताओं को पहुंच प्राप्त हुई है।

ओएनडीसी के चार वर्षों की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए गोयल ने कहा कि इस पहल ने खुली भागीदारी को प्रोत्साहित किया है और इनोवेशन और सहयोग को बढ़ावा देकर उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाने में मदद की है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि ओएनडीसी ने छोटे दुकानदारों को डिजिटल बाजार में लाने और उपभोक्ताओं तथा विक्रेताओं दोनों के लिए बढ़ती पहुंच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे पूरे इकोसिस्टम में विश्वास मजबूत हुआ है।

गोयल ने कहा, “पिछले चार वर्षों में, ओएनडीसी ने खुली भागीदारी को सक्षम बनाकर और इनोवेशन और सहयोग को बढ़ावा देकर उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण किया है।”

उन्होंने आगे कहा, “छोटे दुकानदारों को डिजिटल बाजार में लाकर और सभी के लिए पहुंच बढ़ाकर, इसने विश्वास को मजबूत किया है, जिससे उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को लाभ हुआ है।”

केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सरकार बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के विकल्प के रूप में ओएनडीसी को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।

पारंपरिक बाजारों के विपरीत, ओएनडीसी विक्रेताओं को एक ही प्लेटफॉर्म या कठिन नियमों और शर्तों से बंधे बिना कई बायर ऐप्स के जरिए ग्राहकों तक पहुँचने की सुविधा देता है।

हाल ही में, संसद में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश भर के 630 से अधिक शहरों और कस्बों से 1.16 लाख से अधिक रिटेल सेलर अभी ओएनडीसी पर सक्रिय हैं।

यह नेटवर्क विभिन्न बायर और सेलर एप्लिकेशन के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को सक्षम करके छोटे और माइक्रो बिजनेस के लिए एंट्री बैरियर को कम करता है, जिससे डिजिटल कॉमर्स में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने पहले लोकसभा में बताया था कि ओएनडीसी पर एक ही प्रोडक्ट और सर्विस देने वाले कई प्लेटफॉर्म की मौजूदगी से उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में पारदर्शिता बेहतर होती है।

उन्होंने कहा कि खरीदारों को भी प्रोडक्ट्स और सर्विस की एक बड़ी रेंज का फायदा होता है क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों और आकार के सेलर एक ही ओपन नेटवर्क पर उपलब्ध हो जाते हैं।

Point of View

जो न केवल आर्थिक विकास में योगदान देगा बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

ओएनडीसी क्या है?
ओएनडीसी का मतलब ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स है, जो ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करता है।
ओएनडीसी किस प्रकार छोटे विक्रेताओं को सशक्त बनाता है?
ओएनडीसी छोटे विक्रेताओं को डिजिटल बाजार में लाने और उपभोक्ताओं के लिए पहुंच बढ़ाने में मदद करता है।
ओएनडीसी का लाभ क्या है?
यह कई बायर ऐप्स के जरिए विक्रेताओं को ग्राहकों तक पहुँचने की सुविधा देता है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
क्या ओएनडीसी से कीमतों में पारदर्शिता बढ़ी है?
हाँ, ओएनडीसी पर एक ही प्रोडक्ट के लिए कई प्लेटफॉर्म की मौजूदगी से कीमतों में पारदर्शिता बढ़ी है।
ओएनडीसी का भविष्य क्या है?
ओएनडीसी का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि यह छोटे व्यवसायों के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।
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