क्या सरकारी कंपनियों से वार्षिक डिविडेंड पिछले 5 वर्षों में 86 प्रतिशत बढ़ गया है?

Click to start listening
क्या सरकारी कंपनियों से वार्षिक डिविडेंड पिछले 5 वर्षों में 86 प्रतिशत बढ़ गया है?

सारांश

हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी कंपनियों से मिलने वाला डिविडेंड पिछले 5 वर्षों में 86.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 74,017 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। यह वृद्धि वित्त मंत्रालय द्वारा विभिन्न सुधारों और रणनीतियों का परिणाम है। जानें इसके पीछे क्या कारण हैं और इसका प्रभाव क्या होगा।

Key Takeaways

  • सीपीएसई से डिविडेंड में 86.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
  • वित्त वर्ष 2024-25 में डिविडेंड 74,017 करोड़ रुपए तक पहुँच गया।
  • सरकार ने कैपिटल प्रबंधन में सुधार किया है।
  • विनिवेश के बावजूद डिविडेंड में वृद्धि हो रही है।
  • सरकारी कंपनियों से डिविडेंड सरकार की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) से मिलने वाला डिविडेंड पिछले पांच वर्षों में 86.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2024-25 में 74,017 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जबकि यह वित्त वर्ष 2020-21 में 39,750 करोड़ रुपए था। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने बुधवार को साझा की।

सरकार ने बताया कि डिविडेंड में वृद्धि का कारण बेहतर कैपिटल प्रबंधन रणनीति, जवाबदेही के तंत्र में सुधार, और विनिवेश लेनदेन में उचित अंतराल होना है।

वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने 2025 में पब्लिक फाइनेंस को मजबूत करने, सीपीएसई में वैल्यू क्रिएशन बढ़ाने, और असरदार कैपिटल मैनेजमेंट, रणनीतिक विनिवेश और क्षमता बढ़ाने की पहलों के जरिए बाजार केंद्रित सुधारों को गहनता से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सरकार के बयान में कहा गया है कि विनिवेश के कारण सीपीएसई में सरकारी शेयरहोल्डिंग में लगातार कमी के बावजूद, वित्त वर्ष 2020-21 से डिविडेंड भुगतान में निरंतर वृद्धि हुई है।

सीपीएसई द्वारा मिलने वाला डिविडेंड सरकार की गैर-कर आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। पिछले कुछ वर्षों में डिविडेंड भुगतान में काफी सुधार आया है।

बयान में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच वित्त वर्षों में सीपीएसई से कुल डिविडेंड प्राप्ति में लगातार वृद्धि का ट्रेंड देखा गया है, जो हर साल के संशोधित अनुमान से अधिक रहा है।

दीपम ने सीपीएसई में वैल्यू क्रिएट करने के लिए ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) रूट का भी उपयोग किया। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में सरकार की 84.83 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 3.61 प्रतिशत पेड-अप इक्विटी का विनिवेश ओएफएस के जरिए 4 अप्रैल, 2025 को नॉन-रिटेल कैटेगरी के लिए और 7 अप्रैल, 2025 को रिटेल कैटेगरी के लिए लॉन्च किया गया था।

बयान में कहा गया है कि ओवरसब्सक्रिप्शन को देखते हुए, नॉन-रिटेल कैटेगरी के तहत, ग्रीन शू ऑप्शन का उपयोग किया गया। इस ट्रांजैक्शन से सरकार को 3,673.42 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि सरकारी कंपनियों से डिविडेंड में वृद्धि न केवल आर्थिक विकास को दर्शाती है, बल्कि यह सरकार की रणनीतिक योजनाओं की प्रभावशीलता को भी उजागर करती है। यह वृद्धि निवेशकों के विश्वास को बढ़ाती है और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाती है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

डिविडेंड में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
डिविडेंड में वृद्धि का मुख्य कारण बेहतर कैपिटल प्रबंधन रणनीति और जवाबदेही के तंत्र में सुधार है।
सीपीएसई से डिविडेंड मिलना सरकार के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
सीपीएसई से मिलने वाला डिविडेंड सरकार की गैर-कर आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
क्या डिविडेंड भुगतान में निरंतर वृद्धि हो रही है?
हां, पिछले पांच वित्त वर्षों में सीपीएसई से डिविडेंड भुगतान में निरंतर वृद्धि हो रही है।
Nation Press