क्या सरकार इन्फ्रा में निवेश बढ़ा रही है? चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में पूंजीगत खर्च का बजट अनुमान 20 प्रतिशत पर पहुंचा

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क्या सरकार इन्फ्रा में निवेश बढ़ा रही है? चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में पूंजीगत खर्च का बजट अनुमान 20 प्रतिशत पर पहुंचा

सारांश

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 26 के पहले दो महीनों में पूंजीगत खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि की है। यह जानकारी दर्शाती है कि सरकार की विकास योजनाएं सकारात्मक दिशा में अग्रसर हैं। जानें इस रिपोर्ट में और क्या खास है।

Key Takeaways

  • सरकारी पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 26 में बढ़कर बजट अनुमान के 20 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
  • मैन्युफैक्चरिंग PMI में सुधार हुआ है, जो विकास का संकेत है।
  • इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में वृद्धि दर कम हुई है।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-मई में बजट अनुमान के 20 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 13 प्रतिशत था। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

केंद्रीय बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.1 प्रतिशत है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकारी पूंजीगत व्यय में वृद्धि के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत विकास पथ पर अग्रसर प्रतीत होता है, क्योंकि भारत का मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून में बढ़कर 58.4 हो गया, जो चौदह महीने का उच्चतम स्तर है।

रिपोर्ट में बताया गया कि जून में सर्विसेज पीएमआई 60.4 पर रहा, जो कि बीते 10 महीनों का सबसे उच्चतम स्तर है। हालांकि, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के बीच सिर्फ 1.9 प्रतिशत बढ़ा है, जो कि पिछले साल 5.7 प्रतिशत पर था। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की वृद्धि दर में कमी की वजह बिजली और खान सेक्टर का कमजोर प्रदर्शन था।

वहीं, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में जीएसटी कलेक्शन और ई-वे बिल जनरेशन में क्रमश: 11.8 प्रतिशत और 20.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमान में कहा है कि वित्त वर्ष 26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत और चालू खाता घाटा 0.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। कम खाद्य मुद्रास्फीति और अनुकूल आधार के बीच, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति जून में घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई, जो भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से काफी कम है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया, "जब तक विकास के लिए नकारात्मक जोखिम सामने नहीं आते, हमें आरबीआई द्वारा दरों में और कटौती की उम्मीद नहीं है।"

रिपोर्ट में कहा गया कि मई की शुरुआत से डॉलर के मुकाबले रुपए में लगभग 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो अभी भी फरवरी के अपने निचले स्तर से 1.6 प्रतिशत अधिक मजबूत है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, हालांकि, एक प्रमुख बफर बना हुआ है, जो 697 बिलियन डॉलर पर है और एक आरामदायक आयात कवर प्रदान करता है।

Point of View

यह रिपोर्ट सरकार की आर्थिक नीतियों की सफलता को दर्शाती है। हालांकि, चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, और निरंतर निगरानी की आवश्यकता है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च क्या है?
केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च वह राशि है जो विकासात्मक गतिविधियों और अवसंरचना के निर्माण के लिए खर्च की जाती है।
क्या इस वर्ष पूंजीगत खर्च में वृद्धि हुई है?
हाँ, इस वर्ष पूंजीगत खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है।