क्या साउथ की फिल्मों के सेट पर अनुशासन अधिक होता है? : पायल घोष

सारांश
Key Takeaways
- साउथ इंडस्ट्री में अनुशासन अधिक है।
- मुख्य कलाकार समय पर सेट पर पहुंचते हैं।
- बॉलीवुड में योजनाओं में बदलाव आम है।
- दोनों इंडस्ट्री में सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं।
- दोनों मिलकर अच्छी फिल्में बनाती हैं।
मुंबई, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री पायल घोष ने साउथ इंडस्ट्री और बॉलीवुड की तुलना में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि साउथ इंडस्ट्री में प्रोफेशनल तरीके से काम किया जाता है।
अभिनेत्री ने कहा, "मैंने साउथ और बॉलीवुड दोनों में काम किया है और मेरा अनुभव दोनों में बहुत अच्छा रहा है, जिसके लिए मैं आभारी हूं।"
पायल ने बताया कि साउथ इंडस्ट्री में काम के प्रति अनुशासन अधिक है। "यहां सभी को पता होता है कि उन्हें क्या करना है। फिल्मों के शूटिंग के दौरान, सभी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति समान रहता है, चाहे वे मुख्य कलाकार हों या तकनीकी क्रू। यदि शूटिंग का समय सुबह 7 बजे है, तो सभी लोग समय पर सेट पर पहुंचते हैं।"
उन्होंने कहा, दक्षिण की फिल्मों के सेट पर अनुशासन होता है, जबकि बॉलीवुड में अक्सर अपने मन से काम किया जाता है। कई बार मैंने देखा है कि बॉलीवुड में जो कहा जाता है, वह अंततः अलग होता है। जैसे, यदि कहा गया है कि सुबह 7 बजे शूटिंग शुरू होगी, तो अक्सर 11 बजे से पहले काम शुरू नहीं होता।"
दोनों इंडस्ट्री के बीच के अंतर को बताते हुए पायल ने कहा, "साउथ में सीन अधिक होते हैं। वे फिल्म की स्टोरी बोर्ड का पालन करते हैं और यह प्रक्रिया प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन में भी लागू होती है। दूसरी ओर, बॉलीवुड में कई बार योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन अंत में लागू कुछ भी नहीं होता।"
पायल ने अंत में कहा कि दोनों इंडस्ट्री के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं। हमें इन सब से ऊपर उठकर इस बात की खुशी मनानी चाहिए कि दोनों मिलकर अच्छी फिल्में बनाती हैं।