क्या आरडीआई स्कीम से देश के विज्ञान और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा?

सारांश
Key Takeaways
- आरडीआई योजना का उद्देश्य नवाचार में वृद्धि करना है।
- यह योजना निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।
- लंबी अवधि की फंडिंग और कम ब्याज दरों का लाभ।
- उद्यमशीलता अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देना।
- रणनीतिक उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करना।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (आरडीआई) योजना एक परिवर्तनकारी पहल है। यह योजना वैश्विक स्तर पर विज्ञान और नवाचार में देश की वृद्धि को प्रोत्साहित करेगी। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में साझा की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने आरडीआई योजना को स्वीकृति दी थी और इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में मौजूदा निजी रिसर्च और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है।
न्यूज प्लेटफॉर्म न्यूजबॉम्ब ग्रीस की रिपोर्ट में कहा गया है, "यह पहल भारत के विकास और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार, विकास और रिसर्च में निजी क्षेत्र की भागीदारी को उत्साहित करेगी।"
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लंबी अवधि की फंडिंग और कम या शून्य ब्याज दरों पर पुनर्वित्त के साथ, आरडीआई योजना देश भर में कंपनियों, स्टार्ट-अप और नवोन्मेषकों को सहारा देगी।
इससे नवोन्मेषकों को लागत की चिंता किए बिना शोध, उत्पाद विकास और बाजार विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
यह पहल ऐसी उद्यमशीलता अनुसंधान की संस्कृति को प्रोत्साहित करती है जो बाजार की जरूरतों और तकनीकी बदलावों के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया दे सके।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इससे स्टार्टअप और लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) अपने नवीन विचारों को बाजार में लाने में सक्षम होंगे। यह नवोन्मेषी स्कीम आविष्कार और व्यावसायिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटेगी।
आरडीआई योजना विशेष रूप से उभरते क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, उन्नत सामग्री, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग में नवाचार पर ध्यान केंद्रित करती है।
इसके अतिरिक्त, यह योजना रक्षा प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर और उन्नत विनिर्माण जैसे रणनीतिक उद्योगों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये क्षेत्र भारत के दीर्घकालिक विकास और आत्मनिर्भरता के लिए अनिवार्य हैं।
आरडीआई योजना के अंतर्गत, देश की कंपनियां अब ऐसी प्रविधियों में आत्मविश्वास से निवेश कर सकती हैं जो राष्ट्रीय क्षमताओं को बढ़ाती हैं और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा भी करती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "रणनीतिक क्षेत्रों पर जोर एक ऐसे भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है जो न केवल प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता है, बल्कि अत्याधुनिक समाधानों का निर्माता और निर्यातक भी है।"