क्या हरियाणा के भगोड़े अपराधी मेनपाल ढिल्ला को 7 साल बाद कंबोडिया से वापस लाया गया?

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क्या हरियाणा के भगोड़े अपराधी मेनपाल ढिल्ला को 7 साल बाद कंबोडिया से वापस लाया गया?

सारांश

हरियाणा के कुख्यात अपराधी मेनपाल ढिल्ला को कंबोडिया से भारत लाने की प्रक्रिया में सीबीआई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 7 साल की फरारी के बाद इस गिरफ्तारी से न केवल कानून की जीत हुई है, बल्कि इससे यह भी सिद्ध होता है कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से अपराधियों को पकड़ना संभव है।

Key Takeaways

  • मेनपाल ढिल्ला की गिरफ्तारी से कानून की जीत हुई है।
  • सीबीआई और हरियाणा पुलिस का समन्वय महत्वपूर्ण था।
  • इंटरपोल की सहायता से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग संभव है।
  • फरारी के लंबे समय बाद भी कानून अपराधियों को पकड़ने में सक्षम है।
  • रेड नोटिस का महत्व वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी में है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के कुख्यात अपराधी मेनपाल ढिल्ला उर्फ मेनपाल बादली को कंबोडिया से गिरफ्तार कर भारत लाया गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही, एजेंसी ने बताया कि यह प्रत्यर्पण हरियाणा पुलिस, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समन्वय से किया गया।

मेनपाल ढिल्ला सात साल से फरार था। ढिल्ला को झज्जर के सदर बहादुरगढ़ पुलिस स्टेशन में 2007 में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर 2013 में हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। उसे पहले भी दो अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया था। सीबीआई ने बताया कि हिसार सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काटते हुए उसे 17 जुलाई 2018 को 6 हफ्ते की पैरोल दी गई थी। उसे 29 अगस्त 2018 तक जेल वापस लौटना था, लेकिन वह फरार हो गया।

हरियाणा पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने 6 नवंबर 2024 को इंटरपोल के माध्यम से उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया। सीबीआई ने एनसीबी बैंकॉक से संपर्क कर ढिल्ला के ठिकाने का पता लगाया, जिससे पता चला कि वह थाईलैंड से कंबोडिया चला गया था। सीबीआई ने कंबोडियाई अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया और सूचित किया कि ढिल्ला ने सोनू कुमार के फर्जी नाम से अवैध रूप से प्राप्त पासपोर्ट पर कंबोडिया की यात्रा की थी।

सीबीआई के अनुसार, 26 मार्च को इंटरपोल चैनलों के माध्यम से कंबोडियाई अधिकारियों को अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध भेजा गया। 24 जुलाई को कंबोडियाई अधिकारियों ने ढिल्ला की गिरफ्तारी की पुष्टि की। भारत के अनुरोध पर कंबोडियाई अधिकारियों ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। इसके बाद, हरियाणा पुलिस की एक टीम कंबोडिया गई और 2 सितंबर को मेनपाल ढिल्ला को सफलतापूर्वक भारत वापस लाया गया।

बता दें कि इंटरपोल की ओर से रेड नोटिस वांछित अपराधियों पर नजर रखने के लिए विश्वभर की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजे जाते हैं। पिछले कुछ सालों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय करके 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

Point of View

बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

मेनपाल ढिल्ला को क्यों गिरफ्तार किया गया?
मेनपाल ढिल्ला को हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
ढिल्ला की गिरफ्तारी में सीबीआई की भूमिका क्या थी?
सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस जारी किया और कंबोडियाई अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया।
ढिल्ला कंबोडिया में किस नाम से पहचान बना रहा था?
ढिल्ला ने सोनू कुमार के फर्जी नाम से अवैध रूप से पासपोर्ट प्राप्त कर कंबोडिया में यात्रा की।
यह मामला कब का है?
यह मामला 2013 का है जब ढिल्ला को विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराया गया था।
इंटरपोल के रेड नोटिस का क्या महत्व है?
रेड नोटिस वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विश्वभर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित करने का एक साधन है।