आवारा कुत्ते को शिशु का कटा हुआ सिर ले जाते देखा गया? एनएचआरसी ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा

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आवारा कुत्ते को शिशु का कटा हुआ सिर ले जाते देखा गया? एनएचआरसी ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा

सारांश

पंजाब के पटियाला जिले में एक आवारा कुत्ते द्वारा शिशु का कटा हुआ सिर ले जाने की घटना ने मानवाधिकार आयोग का ध्यान आकर्षित किया है। एनएचआरसी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार के अधिकारियों से जवाब मांगा है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • आवारा कुत्तों की समस्या अस्पतालों में गंभीर है।
  • एनएचआरसी ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
  • पंजाब सरकार को मामले पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
  • सुरक्षा और साफ-सफाई की कमी पर चिंता जताई गई है।
  • बिहार में भी मानवाधिकार उल्लंघन का मामला सामने आया है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पटियाला जिले के सरकारी राजिंदरा अस्पताल के निकट एक आवारा कुत्ता एक शिशु का कटा हुआ सिर ले जाते हुए देखा गया। इस घटना को गंभीरता से लेकर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

आयोग के अनुसार, एक रिपोर्ट में कई रोगियों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आवारा कुत्ते अक्सर अस्पताल परिसर में घूमते पाए जाते हैं। उन्होंने निम्नस्तरीय साफ-सफाई, सुरक्षा की कमी और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का भी आरोप लगाया है।

आयोग का कहना है कि उन्होंने एक रिपोर्ट पर स्वत संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया था कि 26 अगस्त 2025 को यह घटना हुई। आयोग ने पाया कि यह रिपोर्ट मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

बुधवार को आयोग ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 27 अगस्त 2025 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल से कोई भी शिशु लापता नहीं हुआ है और हाल ही में हुई सभी बच्चों की मृत्यु के मामलों में, उचित कागजी कार्रवाई के बाद शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अवशेषों को अस्पताल परिसर के बाहर फेंका गया होगा। इस पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच और रिपोर्ट हेतु अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर मांगी है।

वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में भी रिपोर्ट तलब की है। यह घटना बिहार की है, जिसके चलते बिहार के पुलिस के महानिदेशक को नोटिस जारी किया गया है।

एनएचआरसी का कहना है कि उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत संज्ञान लिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 26 अगस्त 2025 को बिहार के पटना जिले के मनेर क्षेत्र में एक बगीचे के रखवाले ने 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि अपराधी ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए पीड़िता के शव को एक पेड़ पर लटका दिया। पीड़िता, लकड़ी इकट्ठा करने गई थी, तभी अपराधी ने उसे अमरूद का प्रलोभन देकर बगीचे के पास एक कमरे में ले जाकर यह जघन्य अपराध किया।

आयोग ने पाया कि यह घटना मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने बिहार के पुलिस महानिदेशक और पटना के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही इस मामले में अगर मृतक के परिजनों को कोई मुआवजा दिया गया है, तो उसका विवरण भी मांगा गया है।

Point of View

NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना का मुख्य कारण क्या है?
इस घटना का मुख्य कारण अस्पताल परिसर में आवारा कुत्तों का घूमना और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है।
एनएचआरसी ने किससे जवाब मांगा है?
एनएचआरसी ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगा है।
क्या अस्पताल से कोई शिशु लापता है?
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार, अस्पताल से कोई भी शिशु लापता नहीं हुआ है।
क्या एनएचआरसी ने अन्य मामलों पर भी ध्यान दिया है?
हाँ, एनएचआरसी ने बिहार में एक 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले पर भी रिपोर्ट तलब की है।
क्या इस मामले में कोई मुआवजा दिया गया है?
एनएचआरसी ने पूछा है कि यदि मृतक के परिजनों को कोई मुआवजा दिया गया है, तो उसका विवरण भी मांगा गया है।