क्या सेमीकॉन इंडिया 2025 में सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रमुख सीईओ भारत पर बड़ा दांव लगा रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर सकता है।
- सेमीकंडक्टर उद्योग में मोदी जी की दृष्टि और समर्थन महत्वपूर्ण है।
- एएसएमएल का भारत में निवेश से स्थानीय उद्योग को मजबूती मिलेगी।
- नवीनतम तकनीकों और कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू चिप निर्माण के लिए एक सशक्त इकोसिस्टम विकसित करने और इस महत्वपूर्ण तकनीक के आयात को घटाने के उद्देश्य से सेमीकंडक्टर उपकरण निर्माता और सेमीकंडक्टर लिथोग्राफी के वैश्विक नेता एएसएमएल होल्डिंग एनवी ने देश में व्यापार के लिए एक प्रभावशाली प्रस्ताव पेश किया है। मोदी जी ने 'सेमीकॉन इंडिया 2025' पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में उल्लेख किया कि उन्होंने सेमीकॉन इंडिया 2025 के दौरान सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रमुख सीईओ के साथ संवाद किया। उनके लिए भारत की संभावनाओं में विश्वास साफ नजर आता है और वे सेमीकंडक्टर नवाचार एवं उत्पादन के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत पर बड़ा दांव लगाने के लिए तत्पर हैं। मैंने इस क्षेत्र में भारत की विकास यात्रा में मजबूत बुनियादी ढांचे, कौशल विकास, और नवाचार पर जोर देने की बात की।
इससे पहले एएसएमएल ने पहली बार 'सेमीकॉन इंडिया 2025' में भाग लिया और भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग के समर्थन को दर्शाया।
एएसएमएल के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस्टोफ फौक्वेट ने कहा, "भारत निवेश, एक मजबूत प्रतिभा पूल और सरकार के स्पष्ट समर्थन के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग में अपनी महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ा रहा है। हम भारत के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं क्योंकि यह वैश्विक उद्योग को मजबूत करेगा।"
फौक्वेट ने आगे कहा, "हम भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के बारे में अधिक जानने, नए संबंध बनाने और अवसर उत्पन्न करने के लिए उत्सुक हैं।"
सीईओ ने सम्मेलन में कहा कि सेमीकंडक्टर उपकरण निर्माता आगामी वर्ष में भारतीय व्यवसायों के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं। कंपनी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की एक महत्वपूर्ण सप्लायर है।
कंपनी ने अपने व्यापक लिथोग्राफी पोर्टफोलियो का प्रदर्शन किया, जिसमें निरीक्षण उपकरण, मेट्रोलॉजी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और लिथोग्राफी सिस्टम शामिल हैं।
एएसएमएल के अनुसार, स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल और 5जी आईओटी की बढ़ती मांग और सरकारी समर्थन के चलते, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।