क्या मध्य प्रदेश के नीमच में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई?

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क्या मध्य प्रदेश के नीमच में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई?

सारांश

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में 3 और 4 सितंबर को आयोजित राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन के लाभों से अवगत कराना है। इस पहल से न केवल किसानों की आय बढ़ाने की उम्मीद है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

Key Takeaways

  • मधुमक्खी पालन के वैज्ञानिक तरीके सीखने का अवसर।
  • शहद उत्पादन और विपणन के लाभों की जानकारी।
  • कृषि और उद्यमिता में नवाचार को प्रोत्साहन।
  • ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पहल।
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम।

नीमच, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए आरंभ की गई राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (एनबीएचएम) योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के नीमच जिले में 3 और 4 सितंबर को दो दिवसीय जिला स्तरीय सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

यह कार्यक्रम उद्यानिकी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से नीमच टाउन हॉल में आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ‘मीठी क्रांति’ को बढ़ावा देना, वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करना, कृषि-बागवानी उत्पादन में वृद्धि, रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।

इस कार्यशाला में जिले के चयनित किसानों, मधुमक्खी पालकों, उद्यमियों और इच्छुक युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्हें वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन, शुद्ध शहद उत्पादन, विपणन रणनीतियों और सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई।

कृषि विज्ञान केंद्र के अनुभवी वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों, क्षेत्रीय अधिकारियों और प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों ने प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीकों, गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन और वैश्विक बाजार से जुड़ने के अवसरों के बारे में प्रशिक्षित किया।

नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहा, “यह कार्यशाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस तरह के आयोजनों से किसानों को न सिर्फ नवाचार के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि खेती के लिए सड़क, पानी, बिजली और खाद जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।”

उन्होंने मधुमक्खी पालन के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने की संभावनाओं पर जोर दिया।

उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अतर सिंह कन्नौजी ने बताया कि एनबीएचएम के तहत इस कार्यशाला का उद्देश्य किसानों और युवाओं को मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन और उद्यम स्थापना की प्रक्रिया से अवगत कराना है।

उन्होंने कहा, “विशेषज्ञों द्वारा मधुमक्खी की उपयुक्त प्रजातियों का चयन, शहद निकालने की प्रक्रिया और विपणन की रणनीतियों पर विस्तृत जानकारी दी गई। यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में कारगर साबित होगी।”

कार्यशाला में शामिल युवा उद्यमी अनिल धाकड़ ने अपनी सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 15 लाख रुपए का ऋण प्राप्त कर, जिसमें 35 प्रतिशत सब्सिडी भी मिली, उन्होंने अपने गांव केलुखेड़ा में शहद उत्पादन और पैकेजिंग यूनिट स्थापित की। इस यूनिट से न सिर्फ उनकी आय बढ़ी, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी मिला।

अनिल ने कहा, “पहले हम शहद सीधे कंपनियों को बेचते थे, लेकिन अब अपने ब्रांड के तहत 25-30 प्रकार के शहद की वैरायटी बाजार में बेच रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री की योजनाओं के कारण संभव हुआ।”

कार्यशाला में शामिल किसान प्रभु लाल ने कहा, “इस आयोजन से हमें मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन की पूरी प्रक्रिया समझने का मौका मिला। अनिल धाकड़ जैसे मधुमक्खी पालकों की सफलता से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।”

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के सहयोग से इस मिशन के तहत मधुमक्खी विकास केंद्र, शहद परीक्षण और रोग निदान प्रयोगशालाएं, एपि-थेरेपी सेंटर, बी-ब्रीडर्स और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। यह पहल न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

Point of View

बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम भी है। इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाने और उन्हें नवीनतम तकनीकों से परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है। यह न केवल कृषि में नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं और महिलाओं को भी रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

इस कार्यशाला में कौन भाग ले सकता है?
यह कार्यशाला जिले के चयनित किसानों, मधुमक्खी पालकों, उद्यमियों और इच्छुक युवाओं के लिए है।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्या है?
कार्यशाला का उद्देश्य वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन और विपणन रणनीतियों से किसानों को अवगत कराना है।
क्या इस कार्यशाला में कोई सरकारी सहायता उपलब्ध है?
हां, इस कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने के तरीके बताए जाएंगे।
मधुमक्खी पालन से क्या फायदे हैं?
मधुमक्खी पालन से अतिरिक्त आय अर्जित करने के साथ-साथ कृषि उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
कार्यशाला में कौन-कौन से विषय कवर किए जाएंगे?
कार्यशाला में मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन, विपणन रणनीतियों और विशेषज्ञों द्वारा दी जाने वाली तकनीकी जानकारी शामिल होगी।