क्या उत्तराखंड का 'कुंभ मेला 2027' ऐतिहासिक बन सकेगा? सीएम धामी की बैठक में तैयारियों पर चर्चा

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क्या उत्तराखंड का 'कुंभ मेला 2027' ऐतिहासिक बन सकेगा? सीएम धामी की बैठक में तैयारियों पर चर्चा

सारांश

उत्तराखंड में कुंभ मेला 2027 की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने बुलाई बैठक। मेला क्षेत्र में आवागमन, सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। साधु-संतों के मार्गदर्शन से कुंभ को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास। प्रदेश में आपदा प्रबंधन पर भी चर्चा।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री धामी ने कुंभ मेला 2027 की तैयारियों पर बैठक की।
  • कुंभ मेला को भव्य, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने की योजना।
  • ध्यान केंद्रित किया जा रहा है सुरक्षा और आवागमन पर।
  • साधु-संतों का मार्गदर्शन लिया जाएगा।
  • आपदा प्रबंधन के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।

देहरादून, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में प्रस्तावित कुंभ मेला 2027 की तैयारियों पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला भव्य, सुविधाजनक और सुरक्षित हो, इसके लिए व्यापक तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। सचिवालय में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कुंभ की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य है कि कुंभ में आवागमन, सुरक्षा और अवसंरचना सुविधाएं उच्चतम स्तर की हों। नए घाट, पार्किंग स्थल, शौचालय, बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं के निर्माण पर कार्य आरंभ कर दिया गया है। साधु-संतों के मार्गदर्शन और आशीर्वाद लेकर हम कुंभ को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास करेंगे।"

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र को मास्टर प्लान के तहत सेक्टरों में बांटकर अक्टूबर 2026 तक स्थायी कार्य पूरे किए जाएं। नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार, मौजूदा घाटों की मरम्मत, अतिक्रमण हटाने और गंगा कॉरिडोर से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, ऋषिकेश के घाटों पर सीसीटीवी, अपशिष्ट प्रबंधन, पिंक टॉयलेट और चेंजिंग रूम की व्यवस्था की जाए। धार्मिक कार्यक्रमों के लिए अखाड़ों के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।

इसके अलावा, आपदा प्रबंधन पर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा, "इस बार बारिश और आपदा ने पूरे प्रदेश को प्रभावित किया है। केंद्र सरकार, खासकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हमेशा उत्तराखंड को प्राथमिकता दी है। केंद्र के नामित अधिकारियों और राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर नुकसान का आकलन और राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।" उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र से पूरी सहायता मिलेगी।

धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया कि सचिवालय में विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान ड्रग्स के खिलाफ अभियान को तेज करने, बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त करने और मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना के वायरल वीडियो की जांच के निर्देश दिए गए। जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'सेवा पखवाड़ा' के तहत विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार कुंभ को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी हितधारकों से सहयोग की अपील की। बैठक में विधायक मदन कौशिक, प्रेम अग्रवाल, आदेश चौहान, रेनू बिष्ट, अनुपमा रावत और रवि बहादुर उपस्थित रहे। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी और कुंभ की तैयारियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर विशेष जोर दिया गया। धामी ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि कुंभ मेला न केवल धार्मिक, बल्कि अवसंरचनात्मक और प्रबंधन के दृष्टिकोण से भी एक मिसाल बने।"

Point of View

लेकिन इसके साथ ही यह उत्तराखंड की संस्कृति और विकास का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री धामी की योजनाएं इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि अवसंरचनात्मक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।
NationPress
20/10/2025

Frequently Asked Questions

कुंभ मेला 2027 कब होगा?
कुंभ मेला 2027 का आयोजन हरिद्वार में किया जाएगा, हालांकि तिथि अभी घोषित नहीं हुई है।
कुंभ मेले में क्या विशेष सुविधाएं होंगी?
कुंभ मेला 2027 में आवागमन, सुरक्षा, शौचालय, पार्किंग और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
क्या इस बार कुंभ मेला ऐतिहासिक होगा?
मुख्यमंत्री धामी ने इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिसमें साधु-संतों का मार्गदर्शन भी शामिल है।
आपदा प्रबंधन पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
आपदा प्रबंधन के तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर राहत कार्य और नुकसान का आकलन कर रही है।
कुंभ मेला 2027 के लिए किस तरह की तैयारी की जा रही है?
कुंभ मेला 2027 के लिए मेला क्षेत्र को सेक्टरों में बांटकर तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है।