क्या एसआईपी निवेश ने पिछले नौ वर्षों में आठ गुना वृद्धि की है?

सारांश
Key Takeaways
- एसआईपी में पिछले नौ वर्षों में आठ गुना वृद्धि हुई है।
- औसत रिटर्न 14-16 प्रतिशत रहा है।
- दीर्घकालिक निवेश से सकारात्मक रिटर्न प्राप्त करने की संभावना बढ़ती है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) ने भारतीय निवेशकों के बीच लोकप्रियता हासिल की है। हाल के वर्षों में, एसआईपी निवेश में आठ गुना की वृद्धि देखी गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में शुक्रवार को साझा की गई।
व्हाइटओक कैपिटल म्युचुअल फंड की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2016 में एसआईपी इनफ्लो 3,497 करोड़ रुपए था, जो अगस्त 2025 में बढ़कर 28,265 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा।
रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि यह वृद्धि एसआईपी और अनुशासित निवेश में लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 1996 से अगस्त 2025 के बीच, एसआईपी ने अधिकतम 55.6 प्रतिशत और न्यूनतम -24.6 प्रतिशत का रिटर्न प्रदान किया है। इस दौरान औसत रिटर्न 14-16 प्रतिशत रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एसआईपी में आपकी निवेश अवधि जितनी लंबी होगी, रिटर्न भी उतना ही सकारात्मक रहेगा। यह भी कहा गया है कि मार्केट में समय की बजाय अधिक समय निवेशित करना महत्वपूर्ण है।
यदि आप मार्केट के उच्च स्तर पर भी एसआईपी शुरू करते हैं और लंबी अवधि तक बने रहते हैं, तो आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक ने जनवरी 2008 में 10,000 रुपये मासिक एसआईपी शुरू की होती, तो उनका निवेश अगस्त 2025 तक लगभग 75.23 लाख रुपए हो जाता।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निवेशक जिस तारीख को निवेश करते हैं, वह लंबी अवधि में रिटर्न में बहुत बड़ा अंतर नहीं लाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय में मिड-कैप ने एसआईपी में लार्ज-कैप और स्मॉल-कैप श्रेणियों की तुलना में बेहतर औसत रिटर्न प्रदान किया है, जो 17.4 प्रतिशत रहा, जबकि लार्ज-कैप का 13 प्रतिशत और स्मॉल-कैप का 14.7 प्रतिशत रहा है।