क्या भारतीय अर्थव्यवस्था की गति तेज हो गई है? वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही

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क्या भारतीय अर्थव्यवस्था की गति तेज हो गई है? वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही

सारांश

भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी बेहतर है। यह वृद्धि मुख्यत: द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई। जानें इस विकास के पीछे के कारण और इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।

Key Takeaways

  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत
  • द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत
  • तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत
  • निजी उपभोग व्यय में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि
  • निर्यात में 5.6 प्रतिशत की बढ़त

नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की विकास दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई।

इससे वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में विकास दर 8 प्रतिशत की हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 6.1 प्रतिशत थी।

मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में देश की नॉमिनल जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ है।

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रियल जीडीपी वृद्धि दर के आठ प्रतिशत से ऊपर निकलने की वजह द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन था।

वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही है।

द्वितीयक क्षेत्र में शामिल मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है।

तृतीयक क्षेत्र में फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टर की विकास दर 3.5 प्रतिशत रही है। वहीं, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज सेक्टर की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही है।

वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 7.9 प्रतिशत की बढ़त हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) में 2.7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 4.3 प्रतिशत बढ़ा था।

सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में निर्यात 5.6 प्रतिशत बढ़ा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3 प्रतिशत बढ़ा था।

चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में आयात में 12.8 प्रतिशत की बढ़त हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।

Point of View

बल्कि इससे देश के विकास और रोजगार की संभावनाओं पर भी गहरा असर पड़ता है। हमें इस दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर क्या थी?
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही।
कौन से क्षेत्र में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई?
द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई, जिसमें तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही।
पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि दर में कितना परिवर्तन हुआ?
पिछले वर्ष की समान अवधि में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी, जो अब 8.2 प्रतिशत हो गई है।
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर क्या रही?
कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टर की विकास दर 3.5 प्रतिशत रही।
निजी उपभोग व्यय में कितनी वृद्धि हुई?
निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 7.9 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
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