क्या भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भारतीय शेयर बाजार में तेजी आएगी?

Click to start listening
क्या भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भारतीय शेयर बाजार में तेजी आएगी?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारतीय शेयर बाजार ने वैश्विक संकेतों के चलते ४०० अंक से अधिक की बढ़त हासिल की है? जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और बाजार की मौजूदा स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार ने ४०० अंक से अधिक की बढ़त हासिल की।
  • आईटी, ऑटो, और फार्मा में खरीदारी बढ़ी।
  • पश्चिम एशियाई संकट के बावजूद बाजार मजबूत है।
  • एफआईआई की खरीदारी से बाजार को समर्थन मिला।
  • डीआईआई ने भी सक्रियता दिखाई है।

मुंबई, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते बुधवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक ने ४०० अंक से अधिक की बढ़त के साथ शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में आईटी, ऑटो और फार्मा क्षेत्रों में खरीदारी देखी गई।

सुबह लगभग ९:२५ बजे, सेंसेक्स ४४५.६ अंक या ०.५४ प्रतिशत बढ़कर ८२,५००.७३ पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी १३०.१५ अंक या ०.५२ प्रतिशत बढ़कर २५,१७४.५० पर था।

विश्लेषकों का कहना है कि हालिया बाजार रुझानों में पश्चिम एशियाई संकट जैसी बड़ी चुनौतियों के बावजूद बाजार की मजबूती एक महत्वपूर्ण विशेषता है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बावजूद भी बाजार ने मजबूती दिखाई है। संकट के दौरान एफआईआई की खरीदारी ने इस मजबूती में योगदान दिया है।"

निफ्टी बैंक ३१.२५ अंक या ०.०६ प्रतिशत बढ़कर ५६,४९३.१५ पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप १०० इंडेक्स २४५.४० अंक या ०.४२ प्रतिशत बढ़कर ५८,८६७.८० पर था। निफ्टी स्मॉलकैप १०० इंडेक्स १६५.१० अंक या ०.८९ प्रतिशत चढ़कर १८,६१७.८५ पर था।

इस बीच, सेंसेक्स पैक में टाइटन, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, एचसीएल टेक, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावरग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और एलएंडटी शीर्ष लाभार्थी रहे। दूसरी ओर, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बीईएल और एक्सिस बैंक शीर्ष नुकसान में रहे।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिलचस्प बात यह है कि मध्यपूर्व संकट के समाप्त होने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिकवाली कर रहे हैं। दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश के कारण घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) बाजार में खरीदार बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि इससे बाजार में तेजी आएगी, भले ही एफआईआई वैल्यूएशन संबंधी चिंताओं के कारण बिकवाली करें।

२४ जून को एफआईआई शुद्ध विक्रेता थे और उन्होंने ५,२६६.०१ करोड़ रुपए के शेयर बेचे। दूसरी ओर, डीआईआई खरीदार बने रहे, जिन्होंने ५,२०९.६० करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

एशियाई बाजारों में जापान, चीन, सोल और हांगकांग हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि बैंकॉक और जकार्ता लाल निशान में थे।

अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस ५०७.२४ अंक या १.१९ प्रतिशत की बढ़त के साथ ४२,५८१.७८ पर बंद हुआ। एसएंडपी ५०० इंडेक्स ६७.०१ अंक या १.११ प्रतिशत की बढ़त के साथ ६,०२५.१७ पर बंद हुआ और नैस्डैक २८१.५६ अंक या १.४३ प्रतिशत की बढ़त के साथ १९,६३०.९७ पर बंद हुआ।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति दर्शाती है कि वैश्विक घटनाओं का प्रभाव हमारे आर्थिक प्रवाह पर अत्यधिक होता है। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और बाजार के रुझानों का विश्लेषण करते रहना चाहिए।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में तेजी के क्या कारण हैं?
वैश्विक संकेतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी के चलते भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई है।
क्या एफआईआई की बिकवाली का बाजार पर असर पड़ता है?
हाँ, एफआईआई की बिकवाली का बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशक इसे संतुलित करते हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
सेंसेक्स ३० प्रमुख कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है जबकि निफ्टी ५० कंपनियों का।
क्या निवेशकों को अभी शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए?
विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में बाजार में संभावनाएं हैं, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
क्या शेयर बाजार में गिरावट की आशंका है?
बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है; अगर एफआईआई की बिकवाली जारी रहती है तो गिरावट संभव है।