क्या सप्लाई स्थिर होने और भू-राजनीतिक तनाव कम होने से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- आपूर्ति पक्ष से सकारात्मक संकेत
- भू-राजनीतिक तनाव में कमी
- कच्चे तेल की कीमतों में संभावित उछाल
- ओपेक प्लस बैठक का महत्व
- ग्लोबल मांग और उत्पादन में कटौती
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विशेषज्ञों ने शनिवार को बताया कि आपूर्ति पक्ष से सकारात्मक संकेत और भू-राजनीतिक तनाव में कमी के चलते निकट भविष्य में कच्चे तेल की कीमतों में सुधार की संभावना है।
हालांकि मांग संबंधी चिंताओं के कारण वैश्विक धारणा प्रभावित हो रही है, लेकिन बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि प्रमुख तकनीकी स्तर स्थिर रहें तो कच्चे तेल की कीमतों में उछाल संभव है।
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चे तेल की कीमतें शुक्रवार को कम कारोबार और कमजोर वैश्विक मांग के बीच 65 डॉलर के मध्य रेंज में व्यापार कर रही थीं।
विश्लेषक खासकर ओपेक प्लस बैठक और अमेरिकी टैरिफ की समयसीमा जैसे प्रमुख आयोजनों के चलते संभावित बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं।
एंजेल वन लिमिटेड में कमोडिटीज और करेंसीज के मुख्य तकनीकी शोध विश्लेषक तेजस शिग्रेकर ने बताया कि कच्चे तेल का दृष्टिकोण मिश्रित है, लेकिन उम्मीद की कुछ किरणें भी हैं।
उन्होंने कहा कि खासकर चीन और यूरोजोन में वैश्विक निर्माण में मंदी के कारण मांग प्रभावित हुई है। इसके साथ ही ओपेक प्लस द्वारा उत्पादन में कटौती के कारण वैश्विक आपूर्ति भी कम है।
शिग्रेकर ने बताया, "मुख्य रूप से सऊदी अरब और रूस के नेतृत्व में की गई इन कटौतियों ने कीमतों में और गिरावट को रोकने में मदद की है।"
उन्होंने आगे कहा, "ओईसीडी देशों से कम मांग के अनुमानों के बावजूद, समन्वित उत्पादन प्रतिबंध कीमतों को एक आधार प्रदान कर रहे हैं। जब तक आपूर्ति में कोई बड़ा झटका नहीं आता, तब तक रणनीतिक खरीद के बल पर कच्चे तेल के फ्यूचर में स्थिरता बनी रह सकती है।"
भू-राजनीतिक जोखिम, जिसने पहले कीमतों को बढ़ाया था, ईरान और इजराइल के बीच युद्ध विराम के बाद कुछ हद तक कम हो गया है। परमाणु अप्रसार संधि के लिए ईरान की नई प्रतिबद्धता ने भी बाजार को ठंडा करने में मदद की है। हालांकि दक्षिण चीन सागर और मध्य पूर्व में तनाव अभी भी बना हुआ है।
ट्रेडर्स का ध्यान अब 5 जुलाई की ओपेक प्लस बैठक पर है, जहां अगस्त के लिए लगातार तीसरी बार 411,000 बैरल प्रति दिन उत्पादन वृद्धि को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।