क्या केंद्र ने भारत के ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 पर कार्य करना शुरू किया?

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क्या केंद्र ने भारत के ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 पर कार्य करना शुरू किया?

सारांश

केंद्र ने भारत के ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 पर कार्य शुरू किया है। यह योजना भारत को वैश्विक ऑटोमोटिव क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनाने के लिए नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस पहल के तहत कई उप-समितियों का गठन किया गया है, जो लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगी।

Key Takeaways

  • भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 का कार्य शुरू किया।
  • इसका लक्ष्य 2047 तक भारत को ग्लोबल ऑटोमोटिव क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।
  • भविष्य के लिए नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है।
  • कई उप-समितियों का गठन किया गया है।
  • यह योजना भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 (एएमपी 2047) के विकास की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस योजना का लक्ष्य 2047 तक भारत को वैश्विक ऑटोमोटिव क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनाना है, जिसमें नवाचार, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और सतत विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान में साझा की गई।

बयान में उल्लेख किया गया है कि यह पहल 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण के अनुरूप एक रणनीतिक रोडमैप है, जो पिछले ऑटोमोटिव मिशन योजनाओं की सफलताओं पर आधारित है, जिन्होंने हितधारकों के सहयोग से भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र में विस्तार को प्रेरित किया।

एएमपी 2047 की उप-समितियों की उद्घाटन बैठक का आयोजन उद्देश्यों की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया गया।

भारी उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव हनीफ कुरैशी ने कहा, "2047 का दृष्टिकोण कोई साधारण आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक रोडमैप है, जो उद्योग के विकास, निर्यात और प्रगति के ठोस लक्ष्यों पर आधारित है। हमें विशिष्ट तकनीकों या कंपनियों से परे जाकर 2047 में भारत की वैश्विक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य नवाचार और गुणवत्ता के माध्यम से वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाना है।"

इस बैठक में ऊर्जा मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, डीपीआईआईटी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और एसआईएएम, एसीएमए, सीआईआई, फिक्की जैसे उद्योग निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, शोध थिंक टैंक और परीक्षण एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने एएमपी 2047 को आकार देने के लिए उद्योग-नेतृत्व वाले प्रयास की शुरुआत करने के लिए भाग लिया।

यह पहल तकनीकी प्रगति और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम), ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और एंड यूजर्स सहित हितधारकों के सामूहिक दृष्टिकोण को एकीकृत करने का प्रयास करती है।

सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों वाली सात उप-समितियां 2030, 2037 और 2047 के लक्ष्यों को लक्षित करते हुए एक व्यापक योजना के विकास का मार्गदर्शन करेंगी।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के मार्गदर्शन में मंत्रालय एक आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और सतत ऑटोमोटिव इकोसिस्टम के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देता है।

बयान में आगे कहा गया है कि उप-समितियों की कई बैठकों में विचारों और आंकड़ों को एकत्रित किया जाएगा ताकि भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की ऑटोमोटिव इंडस्ट्री का भविष्य उज्ज्वल है। ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 के तहत की गई पहल से उद्योग में नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जो अंततः देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। यह योजना न केवल उद्योग के लिए, बल्कि समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को 2047 तक ग्लोबल ऑटोमोटिव सेक्टर में अग्रणी बनाना है।
इस योजना में किन मंत्रालयों का सहयोग शामिल है?
इस योजना में ऊर्जा मंत्रालय, सड़क परिवहन, वाणिज्य, पेट्रोलियम और अन्य मंत्रालयों का सहयोग है।
क्या इस योजना में उप-समितियों का गठन किया गया है?
हाँ, इस योजना के तहत कई उप-समितियों का गठन किया गया है जो विभिन्न लक्ष्यों की दिशा में काम करेंगी।
भारत की ऑटोमोटिव उद्योग की स्थिति क्या है?
भारत की ऑटोमोटिव उद्योग तेजी से विकसित हो रही है और ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस योजना का लाभ किसे होगा?
यह योजना न केवल उद्योग को बल्कि उपभोक्ताओं और देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचाएगी।