क्या लेबर कोड लागू होने से 77 लाख नौकरियां पैदा होंगी और उपभोग में 75,000 करोड़ रुपए का इजाफा होगा? : एसबीआई रिपोर्ट
सारांश
Key Takeaways
- 77 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
- बेरोजगारी में 1.3 प्रतिशत की कमी आएगी।
- उपभोग में 75,000 करोड़ रुपए का इजाफा होगा।
- श्रमिकों का सशक्तिकरण होगा।
- औपचारिककरण दर 15.1 प्रतिशत बढ़ेगी।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के नए लेबर कोड एक छोटे ट्रांजीशन चरण के बाद मध्यावधि में बेरोजगारी में 1.3 प्रतिशत की कमी लाने में प्रभावी होंगे।
हालांकि, नए लेबर कोड का यह प्रभाव सुधारों के कार्यान्वयन, फर्म-स्तर पर समायोजन लागत, और सहायक राज्य-स्तरीय नियमों जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा।
इसका अर्थ है कि वर्तमान लेबर फोर्स भागीदारी दर 60.1 प्रतिशत और शहरी एवं ग्रामीण कार्यबल के 70.7 प्रतिशत औसत कार्यशील जनसंख्या के आधार पर इस कदम के साथ 77 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा।
एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा, "लगभग 30 प्रतिशत की बचत दर के साथ नए नियमों के लागू होने से प्रति व्यक्ति प्रति दिन 66 रुपए की खपत में वृद्धि होगी। इससे 75,000 करोड़ रुपए का उपभोग बढ़ेगा। इसलिए लेबर कोड को उपभोग में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता माना जा रहा है।"
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि नए लेबर कोड के लागू होने से कर्मचारी और उद्यम दोनों को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे भारत के लिए एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण होगा।
भारत में 44 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं, जिनमें से 31 करोड़ ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
अगर अनुमान लगाया जाए कि 20 प्रतिशत लोग अनौपचारिक वेतन से औपचारिक वेतन की तरफ बढ़ते हैं, तो इससे लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ होगा। हमारे अनुमान के अनुसार, अगले 2-3 वर्षों में भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 80 से 85 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलएफएस डेटासेट के अनुसार, भारत में औपचारिक श्रमिकों की भागीदारी 60.4 प्रतिशत है। हमारा मानना है कि नए लेबर कोड के लागू होने के बाद औपचारिककरण दर 15.1 प्रतिशत बढ़ जाएगी, जिससे लेबर मार्केट का औपचारिककरण 75.5 प्रतिशत हो जाएगा।