क्या रिसर्च को 'लग्जरी' की जगह एक राष्ट्रीय जरूरत के रूप में देखना जरूरी है भारत में: नारायण मूर्ति?

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क्या रिसर्च को 'लग्जरी' की जगह एक राष्ट्रीय जरूरत के रूप में देखना जरूरी है भारत में: नारायण मूर्ति?

सारांश

नारायण मूर्ति ने भारत में रिसर्च को एक राष्ट्रीय आवश्यकता के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने एक मजबूत और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र की मांग की जिसमें युवा शोधकर्ताओं को अवसर मिलें। क्या यह समय है कि हम रिसर्च को अपनी प्राथमिकता बनाएं?

Key Takeaways

  • रिसर्च को एक राष्ट्रीय आवश्यकता के रूप में मान्यता दें।
  • एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करें।
  • युवा शोधकर्ताओं को अवसर प्रदान करें।
  • अमेरिका के अनुसंधान निवेश का उदाहरण लें।
  • जवाहरलाल नेहरू के विचारों को याद करें।

मुंबई, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आईटी कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने गुरुवार को भारत में वैज्ञानिकों, विद्वानों और नवप्रवर्तकों के लिए एक मजबूत और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश को रिसर्च को एक लग्जरी के बजाय एक राष्ट्रीय आवश्यकता के रूप में देखना चाहिए।

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 'इन्फोसिस पुरस्कार 2025' के विजेताओं की घोषणा करते हुए मूर्ति ने कहा कि रिसर्च में जिज्ञासा, कल्पना, साहस और अनुशासन की आवश्यकता होती है, जो इसे मानव अन्वेषण का उच्चतम आदर्श बनाता है।

उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए बताया कि जो राष्ट्र मूलभूत रिसर्च में भारी निवेश करता है, वह वैज्ञानिक प्रगति, आर्थिक शक्ति और सामाजिक कल्याण में सबसे आगे होता है।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण देते हुए कहा कि विज्ञान गरीबी, भूख और अंधविश्वास के सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है।

उन्होंने देश में एक बौद्धिक रूप से जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की अपील की, जहां युवा शोधकर्ता सीमित अवसरों की बाधाओं से न जूझें और अपने कार्यों में आगे बढ़ सकें।

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) ने 15 मई को अपनी एज पॉलिसी में बदलाव करते हुए पुरस्कार विजेताओं की उम्र की सीमा को 50 वर्ष से घटाकर 40 वर्ष कर दिया।

हर एक इंफोसिस पुरस्कार में एक गोल्ड मेडल, एक प्रशस्ति पत्र और एक लाख डॉलर की राशि शामिल होती है। 2025 पुरस्कार के तहत 6 शोधकर्ताओं को मार्केट डिजाइन, आवंटन तंत्र, गणितीय अनुकूलन और एल्गोरिद्म सिद्धांत के अनुभवात्मक विश्लेषण में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

इंफोसिस के तिमाही परिणामों की बात करें तो कंपनी का समेकित नेट लाभ सितंबर तिमाही में 7,364 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है, जो वार्षिक आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

भारत की प्रमुख आईटी कंपनियों में से एक इंफोसिस ने वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट 6,506 करोड़ रुपए दर्ज किया था। कंपनी के नेट प्रॉफिट में तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि जून तिमाही में 6,921 करोड़ रहा था।

Point of View

हम इस बात को समझते हैं कि रिसर्च और विकास में निवेश करना आवश्यक है। यह न केवल वैज्ञानिक प्रगति को आगे बढ़ाता है बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देता है। हमें एक ऐसा वातावरण बनाना होगा जहां युवा और नवाचार को प्रोत्साहन मिले।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

नारायण मूर्ति ने रिसर्च की आवश्यकता पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि रिसर्च को एक राष्ट्रीय जरूरत के रूप में देखना चाहिए, न कि एक लग्जरी के रूप में।
भारत में रिसर्च के लिए कौन-सी नीति में बदलाव किया गया है?
इंफोसिस साइंस फाउंडेशन ने पुरस्कार विजेताओं की उम्र की सीमा को 50 वर्ष से घटाकर 40 वर्ष कर दिया।
इंफोसिस पुरस्कार में क्या शामिल होता है?
हर एक इंफोसिस पुरस्कार में एक गोल्ड मेडल, एक प्रशस्ति पत्र और एक लाख डॉलर की राशि शामिल होती है।