क्या जीएसटी सुधार लागू होने से पहले पीयूष गोयल ने इंडस्ट्री से अपील की है कि टैक्स कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दें?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी ढांचे में टैक्स स्लैब की संख्या में कमी।
- उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ की अपील।
- सरकार का व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना।
- ऑटोमोबाइल और टिकाऊ वस्तुओं पर कीमतों में कमी।
- नई लॉजिस्टिक्स नीति का कार्यान्वयन।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी सुधार लागू होने से पहले उद्योगों से अनुरोध किया है कि वे टैक्स कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को प्रदान करें।
वस्तु एवं सेव कर (जीएसटी) का नया ढांचा 22 सितंबर से लागू होगा। इसके अंतर्गत मौजूदा टैक्स स्लैब की संख्या चार - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह जाएगी। सरकार ने कई चीजों पर टैक्स को काफी कम किया है, जिसका लाभ भी इसी दिन से आम जनता को मिलना शुरू हो जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने सिन और लग्जरी गुड्स पर 40 प्रतिशत का टैक्स निर्धारित किया है।
केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "कृपया सुनिश्चित करें कि टैक्स कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को मिले। इससे उद्योग जगत को भी लाभ होगा।"
गोयल ने आगे कहा कि सरकार व्यापार सुगमता और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में कार्यरत है।
उन्होंने कारोबार के माहौल को सुधारने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों का उल्लेख किया, जिनमें नई लॉजिस्टिक्स नीति लागू करना, नए औद्योगिक शहरों का विकास, छोटे-मोटे विवादों को अपराधमुक्त करना और उद्योग पर अनुपालन का बोझ कम करना शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल जैसे कुछ क्षेत्रों ने पहले ही लाभ ग्राहकों को पहुंचाना शुरू कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत करके भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहती है।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्र ने व्यवसायों को कारों और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं सहित वस्तुओं की अस्थायी मूल्य सूची प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था, जिससे जीएसटी दर सुधारों के तहत कीमतों में आई कमी को दर्शाया जा सके।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी परिषद की बैठक में घोषित दरों में कटौती के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए उद्योग संघों और कई मंत्रालयों के साथ बैठकें की थीं।
उद्योग टैक्स कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए आम सहमति पर पहुंच गए हैं। टैक्स कटौती से उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर कीमत में कम से कम 10 प्रतिशत और ऑटोमोबाइल की कीमतों में 12-15 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।