क्या जुलाई तक पीएलआई के तहत 806 परियोजनाओं को मंजूरी और 21,689 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन वितरित किए गए?

सारांश
Key Takeaways
- 806 परियोजनाओं को मंजूरी मिली है।
- 21,689 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन वितरित किए गए हैं।
- 1.90 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है।
- 12.3 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स प्रमुख लाभार्थी हैं।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद में मंगलवार को प्रस्तुत की गई जानकारी के अनुसार, भारत के विनिर्माण आधार को सशक्त बनाने और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए आरंभ की गई उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत अब तक 14 क्षेत्रों में 806 आवेदनों को मंजूरी प्राप्त हुई है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी कि जुलाई तक, चालू वित्त वर्ष में कुल 1,856 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन वितरित किए गए हैं, जिससे कि अब तक कुल 21,689 करोड़ रुपए का वितरण हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 1.97 लाख करोड़ रुपए के कुल परिव्यय वाली पीएलआई योजनाएं भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करने और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
उन्होंने कहा, "स्वीकृत क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, सौर मॉड्यूल, विशेष इस्पात, चिकित्सा उपकरण, दूरसंचार और ड्रोन शामिल हैं।"
जून तक, पीएलआई योजनाओं के तहत 1.90 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है।
इससे उत्पादन और बिक्री में 17 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि निर्यात 7.5 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है।
इस योजना ने देश भर में 12.3 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित किए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स प्रमुख लाभार्थी के रूप में उभरे हैं। उदाहरण के लिए, मोबाइल फोन का उत्पादन 2020-21 और 2024-25 के बीच मूल्य के संदर्भ में 146 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि मोबाइल का निर्यात लगभग आठ गुना बढ़कर 2020-21 में 22,870 करोड़ रुपए से 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
दवा क्षेत्र ने तीन वर्षों में 2.66 लाख करोड़ रुपए की संचयी बिक्री दर्ज की है, जिसमें निर्यात का योगदान 1.70 लाख करोड़ रुपए रहा है।
इस अवधि के दौरान भारत थोक दवाओं के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक में परिवर्तित हो गया है।
सरकार ने कहा कि इस योजना के तहत समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए दावों का तिमाही वितरण, ऑनलाइन एप्लीकेशन सिस्टम, सरल अनुपालन आवश्यकताएं और तेज नियामक अनुमोदन जैसे उपाय शुरू किए गए हैं।
सरकार ने बताया कि पीएलआई योजना का प्रभाव व्यापक रहा है, जिससे सभी क्षेत्रों में उत्पादन, निर्यात और रोजगार में शानदार वृद्धि हुई है।