क्या पब्लिक सेक्टर बैंकों का कुल कारोबार वित्त वर्ष 2025 में 251 लाख करोड़ तक पहुंचेगा?

सारांश
Key Takeaways
- पब्लिक सेक्टर बैंकों का कारोबार वित्त वर्ष 2025 में 251 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद।
- एनपीए में कमी, जो 0.52 प्रतिशत तक पहुंची।
- शुद्ध मुनाफा 1.78 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ा।
- बैंकों की सीआरएआर 16.15 प्रतिशत है।
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने पर जोर।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। पब्लिक सेक्टर बैंकों (पीएसबी) का कुल कारोबार वित्त वर्ष 2022-23 में 203 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 251 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इस दौरान, पीएसबी का नेट नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) 1.24 प्रतिशत से घटकर 0.52 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बैंक प्रमुखों के साथ वार्षिक समीक्षा बैठक में दी गई।
इस समयावधि में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध मुनाफा भी 1.04 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपए हो गया है और डिविडेंड भुगतान 20,964 करोड़ रुपए से बढ़कर 34,990 करोड़ रुपए हो गया है।
वित्त मंत्री को यह भी बताया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी है और मार्च 2025 तक उनका सीआरएआर 16.15 प्रतिशत है।
वित्त मंत्री ने वित्तीय मापदंडों, क्रेडिट ऑफटेक, वित्तीय समावेशन, ग्राहक सेवा, शिकायत निवारण, डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में पीएसबी के प्रदर्शन की समीक्षा की।
उन्होंने जमा और क्रेडिट रुझानों की समीक्षा करते हुए वर्तमान क्रेडिट प्रगति को समर्थन देने के लिए जमा जुटाने में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैंकों को प्रमुख वित्तीय समावेशन योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी तथा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के अंतर्गत प्रयासों को बढ़ाने का निर्देश दिया गया।
इसके अतिरिक्त, पीएसबी को विशेष अभियानों का संचालन करने, अपने शाखा नेटवर्क का बेहतर उपयोग करने और अर्ध-शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने की सलाह दी गई।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएसबी से अगले दशक के लिए उभरते वाणिज्यिक विकास क्षेत्रों की पहचान करने का आग्रह किया, जो पीएसबी के लिए लाभप्रदता और विकास में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रधानमंत्री धन धान्य योजना के अंतर्गत तय किए गए 100 कम फसल उत्पादकता वाले जिलों में कृषि ऋण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया गया।
बैंकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं में भारत की आकांक्षाओं का समर्थन करने, उभरते वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने और इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीएक्स) में भागीदारी बढ़ाने के लिए गिफ्ट सिटी में अपनी मौजूदगी का विस्तार करने की सलाह दी गई।