क्या आरबीआई एमपीसी के निर्णय से पहले सेंसेक्स में गिरावट आई?

सारांश
Key Takeaways
- सेंसेक्स में 97.32 अंक की गिरावट आई।
- निफ्टी में 23.80 अंक की कमी देखी गई।
- निफ्टी बैंक में 0.32 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- बैंकिंग शेयरों में खरीदारी की गई।
- निवेशकों के लिए सतर्कता का समय है।
मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार के कारोबारी सत्र में थोड़ी गिरावट के साथ समाप्ति की। दिन के अंत में सेंसेक्स 97.32 अंक या 0.12 प्रतिशत की कमी के साथ 80,267.62 पर और निफ्टी 23.80 अंक या 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,611.10 पर बंद हुआ।
बाजार की प्रवृत्तियों के विपरीत, निफ्टी बैंक में तेजी रही, जो 174.85 अंक या 0.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 54,635.85 पर बंद हुआ।
इसके अतिरिक्त, निफ्टी ऑटो (0.40 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (1.16 प्रतिशत), निफ्टी कमोडिटी (0.38 प्रतिशत) और निफ्टी पीएसई (0.28 प्रतिशत) भी बढ़त के साथ बंद हुए।
वहीं, निफ्टी आईटी (0.11 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.10 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.43 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (0.82 प्रतिशत) और निफ्टी मीडिया (1.23 प्रतिशत) की कमी के साथ समाप्ति हुई।
मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 3.85 अंक की थोड़ी गिरावट के साथ 56,529.30 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 14.10 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,562.75 पर बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सकारात्मक रही। सुबह 9:33 बजे सेंसेक्स 131 अंक या 0.16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 80,496 और निफ्टी 42 अंक या 0.17 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,677 पर था।
सेंसेक्स पैक में अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, बीईएल, बजाज फाइनेंस, एचयूएल, एमएंडएम, सन फार्मा, एशियन पेंट्स, एसबीआई, मारुति सुजुकी, इटरनल (जोमैटो), कोटक महिंद्रा बैंक और इन्फोसिस प्रमुख लाभार्थी रहे। वहीं, आईटीसी, भारती एयरटेल, ट्रेंट, बजाज फिनसर्व, टाइटन, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, टीसीएस, टाटा स्टील, पावर ग्रिड और एचसीएल टेक प्रमुख हानिकारक बने।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मंथली एक्सपायरी के दिन, बाजार एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था। इसका कारण आरबीआई एमपीसी के निर्णय से पहले निवेशकों का सतर्क रहना है।
उन्होंने आगे कहा कि बाजार भविष्य की ब्याज दरों की दिशा जानने के लिए आरबीआई की टिप्पणियों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, हालांकि दरों पर यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद है। निकट भविष्य में बाजार का दृष्टिकोण सतर्क बना हुआ है, और कीमतों में उतार-चढ़ाव सीमित दायरे में रहने की संभावना है।