क्या रूस ने भारत के लिए अपने सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र को खोला है?

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क्या रूस ने भारत के लिए अपने सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र को खोला है?

सारांश

रूस ने भारत के लिए अपने सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र को खोल दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार में अहम बढ़ोतरी होगी। यह प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात के बाद सामने आया है। जानिए इस सहयोग के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत-रूस के बीच निवेश और व्यापार में वृद्धि की संभावना।
  • कृषि, ऊर्जा, और खनन में सहयोग का अवसर।
  • आर्कटिक में द्विपक्षीय संवाद को बढ़ावा।
  • ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की स्थिरता पर ध्यान।
  • 2030 तक 100 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस ने भारत के लिए अपने सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र को खोल दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान में दी गई।

संयुक्त बयान में उल्लेख किया गया है कि 2024-2029 की अवधि के लिए भारत-रूस सहयोग कार्यक्रम दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख रूपरेखा प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम के तहत मुख्य रूप से कृषि, ऊर्जा, खनन, जनशक्ति, हीरे, फार्मास्यूटिकल्स और समुद्री परिवहन में निवेश और व्यापार को प्राथमिकता दी जाएगी।

दोनों पक्षों ने आर्कटिक से संबंधित मुद्दों पर नियमित द्विपक्षीय संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और नॉर्दर्न सी रूट पर द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का स्वागत किया।

रूसी पक्ष ने मार्च 2025 में मरमंस्क में आयोजित छठे इंटरनेशनल आर्कटिक फोरम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी की प्रशंसा की। भारतीय पक्ष ने आर्कटिक काउंसिल में एक ऑब्जर्वर के रूप में सक्रिय भूमिका निभाने की इच्छा जाहिर की है।

संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि दोनों पक्ष स्थिर और कुशल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बनाने में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं, जिसमें कनेक्टिविटी सुधारने के लिए लॉजिस्टिक्स लिंक बढ़ाने और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी), चेन्नई-व्लादिवोस्तोक (ईस्टर्न मैरीटाइम) कॉरिडोर और नॉर्दर्न सी रूट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, दोनों पक्षों ने पोलर वॉटर में चलने वाले जहाजों के लिए विशेषज्ञों की ट्रेनिंग पर एमओयू पर हस्ताक्षर होने का स्वागत किया।

दोनों पक्षों ने रूस और भारत के रेलवे के बीच फायदेमंद सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका उद्देश्य आपसी फ़ायदे वाले टेक्नोलॉजी एक्सचेंज के क्षेत्र में साझेदारी बनाना है।

दोनों देशों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन को ध्यान में रखते हुए एक खुले, समावेशी, पारदर्शी और बिना भेदभाव वाले मल्टीलेटरल ट्रेड सिस्टम के महत्व पर भी जोर दिया।

संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

Point of View

यह सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

रूस ने भारत के लिए किन क्षेत्रों को खोला है?
रूस ने अपने सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र को भारत के लिए खोला है, जिससे निवेश और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।
भारत-रूस सहयोग कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?
यह कार्यक्रम 2024-2029 के बीच भारत और रूस के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगा।
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