क्या सरकार ने ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट करने के लिए 2,000 करोड़ रुपए का प्लान बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने 2,000 करोड़ रुपए का प्लान तैयार किया है।
- चार्जिंग स्टेशन लगाने पर सब्सिडी मिलेगी।
- बीएचईएल को परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है।
- सब्सिडी का वितरण दो चरणों में होगा।
- चुनिंदा स्थानों पर 100% सब्सिडी उपलब्ध होगी।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने देश में ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए 2,000 करोड़ रुपए का एक नया प्लान तैयार किया है। इस योजना के अंतर्गत चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने 10,900 करोड़ रुपए की पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें से 2,000 करोड़ रुपए ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित किए गए हैं।
इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, सरकार कुछ विशेष श्रेणियों में चार्जिंग स्टेशनों की लागत का 100 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करेगी।
नई नीति में सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और सीपीएसई परिसरों में स्थापित चार्जर्स को 100 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सरकारी तेल विपणन कंपनियों के ईंधन खुदरा आउटलेट, मेट्रो स्टेशनों और बस डिपो जैसे स्थानों पर 80 प्रतिशत और चार्जिंग उपकरणों पर 70 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। मॉल, बाजार और अन्य निजी स्थान भी 80 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशनों के लिए भी 80 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध होगी।
दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों, राज्यों की राजधानियों, स्मार्ट शहरों और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शहरों के साथ ही प्रमुख औद्योगिक केंद्रों और बंदरगाहों को जोड़ने वाले उच्च यातायात वाले राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी।
परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) को परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है, जबकि आईएफसीआई परियोजना प्रबंधन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।
इससे अतिरिक्त, बीएचईएल एक राष्ट्रीय एकीकृत केंद्र और मोबाइल ऐप भी विकसित करेगा, जो चार्जर्स की खोज, रीयल-टाइम अपडेट, स्लॉट बुकिंग और भुगतान सुविधाएं प्रदान करेगा।
सब्सिडी का वितरण दो चरणों में होगा, जिसमें 70 प्रतिशत खरीद चरण में और शेष 30 प्रतिशत एकीकृत हब के साथ कमीशनिंग और एकीकरण के बाद दी जाएगी।