क्या दिल्ली में जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के प्रदर्शन से हालात बिगड़ सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं।
- जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल की है।
- कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं हो रही हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- सरकार को जल्द समाधान निकालना चाहिए।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि के बीच, एमसीडी मुख्यालय के बाहर जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल की।
इस हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने हड़ताल स्थल पर पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की और उनकी मांगों का समर्थन किया। उन्होंने भाजपा के मेयर राजा इकबाल पर भी निशाना साधा।
अंकुश नारंग ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "ये लोग दिल्ली के सच्चे योद्धा हैं, जो छतों पर चढ़कर पानी की जांच करते हैं। ये वही हैं जो हमें मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से बचाते हैं। स्थिति गंभीर है, क्योंकि एक ओर लोग बीमार हो रहे हैं और दूसरी ओर स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं। अगर यह हड़ताल लंबे समय तक चलती है, तो राजधानी में स्थिति और बिगड़ सकती है।"
उन्होंने बताया कि ये कर्मचारी 30 साल से काम कर रहे हैं और उन्हें मेडिकल छुट्टी मिलनी चाहिए। अगर ड्यूटी के दौरान किसी की मृत्यु होती है, तो उनके परिवार के सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। उनकी ये मांगें पूरी तरह से जायज हैं।
अंकुश नारंग ने कहा, "मैंने डीबीसी कर्मचारियों से मुलाकात की और उनसे हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया। मैंने भाजपा के मेयर और निगम आयुक्त से बातचीत कर जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया। पहले भी हम मेयर को पत्र लिख चुके हैं।"
कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अपनी मांगों को बार-बार मेयर और अन्य अधिकारियों के समक्ष रखा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।