क्या सोने की चमक बढ़ी और चांदी का दाम 1.88 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गया?
सारांश
Key Takeaways
- सोने का दाम 1.28 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
- चांदी का दाम 1.88 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुँच गया है।
- अमेरिका में ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कमी से कीमतों में तेजी आई है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी दोनों की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
- कमजोर डॉलर ने कीमती धातुओं को वैश्विक खरीदारों के लिए सस्ता बनाया है।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोने और चांदी की कीमतों में गुरुवार को एक जोरदार उछाल देखने को मिला। इसके चलते सोने का दाम 1.28 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी का दाम 1.88 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुँच गया है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 808 रुपए की वृद्धि के साथ 1,28,596 रुपए हो गई है, जो पहले 1,27,788 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
इसी प्रकार, 22 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 1,17,794 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि यह पहले 1,17,054 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 18 कैरेट सोने का दाम 95,841 रुपए से बढ़कर 96,447 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
चांदी की कीमतों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पिछले 24 घंटे में चांदी का दाम 2,793 रुपए बढ़कर 1,88,281 रुपए प्रति किलो के ऑल टाइम हाई पर पहुँच गया है, जो पहले 1,85,488 रुपए प्रति किलो था।
हाजिर और वायदा बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई। सोने के 5 फरवरी 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.68 प्रतिशत बढ़कर 1,30,680 रुपए और चांदी के 5 मार्च 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 2.43 प्रतिशत बढ़कर 1,93,317 रुपए हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी दिखाई दे रही है। सोने की कीमत 0.51 प्रतिशत बढ़कर 4,246.75 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत 2.53 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 62.59 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गई है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के हरिश वी ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरों के 25 आधार अंक की कमी से कीमती धातुओं की कीमतों में वृद्धि का रास्ता साफ हुआ है। ब्याज दरों में कमी के कारण सोने और चांदी को होल्ड करने की लागत कम हो जाती है, जिससे नए निवेश को आकर्षित किया जा सकता है।
इसके अलावा, ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से सोने और चांदी की कीमतों को और समर्थन मिला है, क्योंकि डॉलर के कमजोर होने से ये धातुएं वैश्विक खरीदारों के लिए अधिक किफायती हो गई हैं।