क्या भारतीय उद्योग निकायों ने पीएम मोदी के युवाओं को सशक्त बनाने और एमएसएमई को बढ़ावा देने के आह्वान की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का युवाओं और एमएसएमई के लिए आह्वान महत्वपूर्ण है।
- युवाओं को 15,000 रुपए की सहायता मिलेगी।
- सीआईआई और फिक्की ने इस पहल की सराहना की है।
- आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- जीएसटी की समीक्षा से व्यापार में आसानी बढ़ेगी।
नई दिल्ली, १५ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश के प्रमुख उद्योग निकायों ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के युवाओं को सशक्त बनाने, एमएसएमई को बढ़ावा देने और 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन को आगे बढ़ाने के आह्वान की प्रशंसा की है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा, "हम उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने, एमएसएमई के लिए बाजार संपर्क को सुलभ बनाने और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक कौशल और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री-विकसित भारत रोजगार योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपए की युवा सशक्तिकरण पहल में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने, कौशल बढ़ाने और निरंतर आजीविका के रास्ते खोलने की संभावनाएं हैं।
इस पहल के अंतर्गत, सरकार पहली बार नौकरी करने वालों को १५,००० रुपए की सहायता प्रदान करेगी।
सीआईआई ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में, एमएसएमई को इन उपायों से महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होगा। प्रतिभाओं तक बेहतर पहुंच, लक्षित प्रोत्साहन और एक मजबूत घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम उन्हें वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में विस्तार, नवाचार और अधिक गहराई से एकीकृत करने में सक्षम बनाएगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि उद्योग निकाय ७९वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन का स्वागत करते हैं, जिसमें भारत को एक आत्मनिर्भर आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में सभी पक्षकारों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि हम ८ वर्षों के बाद व्यापक जीएसटी समीक्षा की घोषणा की प्रशंसा करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर कर का बोझ कम होगा और व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी। अनुपालन को कम करने, अनावश्यक नियमों को समाप्त करने और एक समर्पित टास्क फोर्स बनाने की प्रतिबद्धता, वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।