क्या 19 नवंबर ने ऐश्वर्या राय बच्चन की जिंदगी को बदल दिया? जानें विश्व सुंदरी से सुपरस्टार बनने तक की कहानी
सारांश
Key Takeaways
- 19 नवंबर 1994 ऐश्वर्या के लिए जीवन बदलने वाला दिन था।
- उन्होंने मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
- उनकी पहली फिल्में सफल नहीं थीं, लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया।
- सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रियता भी प्रशंसा की योग्य है।
- उन्हें पद्मश्री और ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स जैसे पुरस्कार मिले।
मुंबई, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 19 नवंबर 1994 को ऐश्वर्या राय बच्चन ने भारत की सुंदरता और प्रतिभा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। इस दिन उन्होंने मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम किया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नया चेहरा बनीं। उनकी इस जीत ने उन्हें विश्व सुंदरी से लेकर भारतीय सिनेमा की सबसे चमकदार सितारों में लाकर खड़ा कर दिया। आज भी जब यह तारीख आती है, तो उनके सफर की शुरुआत, संघर्ष और शानदार सफलता की कहानियां फिर से याद की जाती हैं।
ऐश्वर्या राय बच्चन का जन्म 1 नवंबर 1973 को कर्नाटक के मंगलुरु में हुआ था। बचपन से ही वह पढ़ाई में तेज थीं और उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था। परिवार बाद में मुंबई आ गया, जहां उन्होंने स्कूलिंग की और फिर कॉलेज में दाखिला लिया। उनका मन डॉक्टर बनने का था, लेकिन बाद में उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई शुरू की, लेकिन मॉडलिंग ने उन्हें एक नई राह दिखा दी। कई विज्ञापनों और फोटोशूट ने उन्हें चर्चित चेहरा बना दिया।
1994 में उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और वहां दूसरा स्थान प्राप्त किया, लेकिन मिस वर्ल्ड प्लेटफॉर्म पर उन्होंने दुनिया का दिल जीत लिया। जब उन्होंने ताज पहना, तो भारत तेजी से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आया। उनकी मुस्कान, आत्मविश्वास और विनम्रता ने उन्हें लाखों लोगों का प्रिय बना दिया। यही वह मोड़ था, जिसने उन्हें फिल्म जगत की ओर अग्रसर किया।
उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1997 में तमिल फिल्म इरुवर से की। उसी वर्ष उनकी पहली हिंदी फिल्म और प्यार हो गया आई। शुरुआती फिल्में भले ही बहुत बड़ी हिट न रहीं, लेकिन ऐश्वर्या की मेहनत और सीखने की लगन ने उन्हें जल्दी ही सफलता दिलाई। 1998 में तमिल फिल्म जीन्स आई, जिसने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।
1999 ऐश्वर्या के करियर का सबसे महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ। संजय लीला भंसाली की हम दिल दे चुके सनम के लिए उन्हें पहला फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। दो साल बाद देवदास आई, जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सराहना दिलाई। यह फिल्म कई देशों में प्रदर्शित हुई और ऐश्वर्या की अदाकारी की तारीफ हर जगह हुई।
इसके बाद उन्होंने लगातार शानदार भूमिकाएं निभाईं और मोहब्बतें, जोधा अकबर, गुरु, धूम 2, रोबोट, पोन्नियिन सेलवन जैसी फिल्मों ने उनकी पहचान को और मजबूत किया। ऐश्वर्या ने बॉलीवुड के साथ-साथ तमिल सिनेमा और हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
अपने फिल्मी करियर के साथ-साथ उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी बड़ी भूमिका निभाई। 2012 में संयुक्त राष्ट्र की यूएनएड्स संस्था ने उन्हें गुडविल एंबेसडर बनाया। वे कई चैरिटी कार्यक्रमों से जुड़ी रहीं और अपनी संस्था के माध्यम से बच्चों और महिलाओं के लिए काम करती रहीं। भारत सरकार ने उन्हें 2009 में पद्मश्री और फ्रांस सरकार ने 2012 में ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स पुरस्कार से सम्मानित किया।