क्या अशोक पंडित ने मुंबई पुलिस की प्रशंसा की?
सारांश
Key Takeaways
- मुंबई पुलिस ने तीन बड़े इवेंट्स को सफलतापूर्वक संभाला।
- अशोक पंडित ने उनकी मेहनत और योजना की सराहना की।
- महिला पुलिस अधिकारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस का समर्पण महत्वपूर्ण है।
- हमें उनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता और भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक संघ (आईएफटीडीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने सोमवार को मुंबई पुलिस की प्रशंसा की। उन्होंने मुंबई पुलिस को 'स्पिरिट ऑफ मुंबई' कहा।
अशोक पंडित ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में मुंबई पुलिस को दिल से धन्यवाद दिया और शहर में एक ही दिन तीन बड़े आयोजनों को शांति से संभालने के लिए उनकी सराहना की।
उन्होंने लिखा, "मुंबई जैसे करोड़ों की आबादी वाले शहर में एक ही दिन तीन बड़े इवेंट्स हुए, जिनमें लगभग पांच लाख लोग सड़कों पर थे, लेकिन कोई भी अनहोनी नहीं हुई। यह संयोग नहीं, बल्कि मुंबई पुलिस की मेहनत और योजना का परिणाम है।"
अशोक पंडित ने तीन प्रमुख घटनाओं का उल्लेख किया: "वानखेड़े स्टेडियम में लियोनेल मेसी जैसे स्टार की मेज़बानी, जहां दो लाख से अधिक दर्शक थे। दूसरा, गेटवे ऑफ इंडिया पर हनुक्का उत्सव, जिसमें लगभग 25 हजार लोग शामिल हुए, और तीसरा, आजाद मैदान में सुन्नी इज्तेमा, जिसमें एक लाख से अधिक लोग उपस्थित थे।
उन्होंने मुंबई पुलिस की ड्यूटी और समर्पण की सराहना करते हुए कहा, "जब लोग जश्न मना रहे थे, प्रार्थना कर रहे थे और खुशी-खुशी घर लौट रहे थे, तब मुंबई पुलिस अपनी ड्यूटी निभा रही थी ताकि शहर सुरक्षित रहे। यह केवल एक दिन की ड्यूटी नहीं थी, बल्कि कई हफ्तों की योजना, समन्वय, रूट मैपिंग, इंटेलिजेंस इनपुट और मेहनत का परिणाम थी।"
अशोक पंडित ने यूनिफॉर्म के पीछे की असलियत पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस अधिकारी घंटों खड़ी रहती हैं और उन्हें उचित सुविधा भी नहीं मिलती। कई अधिकारी डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थकान से जूझते हैं, फिर भी वे अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ते।
अंत में, अशोक पंडित ने कहा कि हमें आज रुककर मुंबई पुलिस का आभार व्यक्त करना चाहिए। यह शहर इसलिए मुस्कुराता है क्योंकि पुलिस हर दिन पहरा देती है, और हम सभी इसके लिए आभारी हैं।