क्या भारत–जॉर्डन द्विपक्षीय व्यापार को 5 अरब डॉलर तक बढ़ा सकता है?: पीएम मोदी

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क्या भारत–जॉर्डन द्विपक्षीय व्यापार को 5 अरब डॉलर तक बढ़ा सकता है?: पीएम मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ मिलकर भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का महत्व बताया। इस ऐतिहासिक मुलाकात में डिजिटल भुगतान प्रणाली और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर भी चर्चा हुई।

Key Takeaways

  • भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य।
  • डिजिटल भुगतान प्रणाली और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर चर्चा।
  • 75 वर्ष पुरानी राजनयिक संबंधों की वर्षगांठ का जश्न।
  • जॉर्डन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उर्वरक आपूर्तिकर्ता है।
  • संस्कृति और ऊर्जा के क्षेत्र में समझौते हुए।

अम्मान, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से अम्मान स्थित अल हुसैनिया पैलेस में बैठक की। इस मुलाकात के दौरान, उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में 5 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखने का प्रस्ताव रखा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों को आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए।

बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अम्मान में राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ सार्थक चर्चा हुई। भारत–जॉर्डन संबंधों को सशक्त बनाने के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है। इस वर्ष हम अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह महत्वपूर्ण पड़ाव हमें नए उत्साह के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन की डिजिटल भुगतान प्रणाली और भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के बीच सहयोग की भी वकालत की। बयान में कहा गया कि जॉर्डन भारत के लिए उर्वरक का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है और भारत में फॉस्फेटिक उर्वरकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दोनों देशों की कंपनियों के बीच जॉर्डन में निवेश को लेकर बातचीत चल रही है।

इससे पहले, पीएम मोदी का राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें औपचारिक राजकीय सम्मान प्रदान किया गया। दोनों नेताओं के बीच प्रतिबंधित और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने अपनी पिछली मुलाकातों को याद किया और दोनों देशों के ऐतिहासिक व मैत्रीपूर्ण संबंधों को रेखांकित किया।

नेताओं ने कहा कि यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और जॉर्डन अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, जिससे यह यात्रा ऐतिहासिक बन जाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जॉर्डन संबंधों को मजबूत करने के लिए राजा अब्दुल्ला की प्रतिबद्धता की सराहना की।

राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में राजा अब्दुल्ला के नेतृत्व और वैश्विक प्रयासों में उनके योगदान की प्रशंसा की।

वार्ता के दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, उर्वरक और कृषि, नवाचार, आईटी और डिजिटल प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और फार्मा, शिक्षा और क्षमता निर्माण, पर्यटन और विरासत, संस्कृति और जन-जन के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की।

उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के महत्व को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन की पुनः पुष्टि की।

इस अवसर पर, दोनों देशों ने संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और पेट्रा–एलोरा के बीच ट्विनिंग व्यवस्था से जुड़े समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को अंतिम रूप दिया। इन समझौतों से भारत–जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों और मित्रता को नई गति मिलने की उम्मीद है।

वार्ता के बाद, राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में भोज का आयोजन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राजा अब्दुल्ला को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

Point of View

बल्कि वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी विचार विमर्श करती है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और जॉर्डन के बीच व्यापार का वर्तमान स्तर क्या है?
भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।
क्या भारत-जॉर्डन के बीच कोई समझौते हुए हैं?
हां, दोनों देशों ने संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप दिया है।
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