क्या अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने बप्पा से अपना नाता बताया?

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क्या अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने बप्पा से अपना नाता बताया?

सारांश

गणेश चतुर्थी पर ईशा कोप्पिकर ने बप्पा के प्रति अपने गहरे रिश्ते का खुलासा किया। उनके जन्म का दिन गणपति विसर्जन से जुड़ा है, जो इस मौके को और भी खास बनाता है। जानें, क्या कहते हैं ईशा इस पावन पर्व पर।

Key Takeaways

  • गणेश चतुर्थी का उत्सव भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • ईशा कोप्पिकर का जन्म दिन गणपति विसर्जन से जुड़ा है।
  • बप्पा के प्रति आस्था और प्रेम दर्शाता है कि त्योहार हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं।
  • इको-फ्रेंडली गणपति का स्वागत एक नई सोच को दर्शाता है।
  • ईशा का अनुभव यह बताता है कि धार्मिक आस्था व्यक्तिगत संबंधों से जुड़ी होती है।

मुंबई, १९ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गणेश चतुर्थी के इस शुभ अवसर पर गिरगांव चौपाटी पर गणपति विसर्जन का आयोजन हो रहा है। इस दौरान अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर अपनी दोस्त के साथ बप्पा के दर्शन करने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि उनका जन्म गणपति विसर्जन के दिन, अर्थात् १९ सितंबर को हुआ था।

अभिनेत्री ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उनके जन्म के दिन का गणपति विसर्जन से गहरा संबंध है, और इसी वजह से उनका बप्पा के साथ विशेष नाता है।

ईशा ने कहा, "मैं हर साल की तरह इस बार भी अपनी दोस्त के साथ गिरगांव चौपाटी पर आई हूं। यहां इको-फ्रेंडली गणपति का स्वागत किया जा रहा है। रविवार को यहां सफाई भी होगी, और मैं बप्पा की मूर्तियों का सम्मान करके जल्दी निकल जाऊंगी।"

उन्होंने बप्पा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा, "बप्पा मेरे दिल में बसे हैं। मेरा उनसे रिश्ता जन्म से है, क्योंकि मैं उसी दिन पैदा हुई थी जब बप्पा का विसर्जन होता है। वह मेरे इष्टदेव हैं।"

अभिनेत्री ने यह भी बताया कि तीन साल पहले वह गणपति की स्थापना केवल डेढ़ दिन के लिए करती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने बप्पा को तीन दिन तक अपने घर में रखा। अगले साल के लिए उन्होंने कहा कि यह बप्पा की इच्छा पर निर्भर करेगा।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में जब ईशा से कहा गया कि गणेश चतुर्थी की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी, लेकिन अब यह उत्सव पूरे देश और विदेश में भारतीयों के बीच धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने उत्तर दिया, "यह देखकर खुशी होती है कि बप्पा का उत्सव अब वैश्विक हो गया है। जहाँ भी भारतीय हैं, वहाँ बप्पा की पूजा होती है।"

बप्पा के विसर्जन पर भावुक होते हुए उन्होंने कहा, "बप्पा के आगमन से खुशी मिलती है, लेकिन उनके जाने पर मन उदास हो जाता है। मेरा मानना है कि बप्पा के साथ मेरा रिश्ता कुछ दिनों का नहीं, बल्कि जन्मों का है।"

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने बप्पा से क्या मांगा, तो ईशा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं जो मांगती हूं, वह नहीं बताती। लेकिन हां, मैं बप्पा से बिंदास मांगती हूं।"

Point of View

बल्कि एक व्यक्तिगत संबंध भी है। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे भारतीय संस्कृति में त्योहारों का महत्व है और यह हमें एकजुट करता है।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

ईशा कोप्पिकर का जन्म कब हुआ था?
ईशा कोप्पिकर का जन्म १९ सितंबर को हुआ था, जो गणपति विसर्जन के दिन होता है।
गणेश चतुर्थी का उत्सव कहाँ से शुरू हुआ?
गणेश चतुर्थी का उत्सव महाराष्ट्र से शुरू हुआ था, लेकिन अब यह पूरे देश और विदेश में मनाया जाता है।
ईशा ने बप्पा से क्या मांगा?
ईशा ने कहा कि वह बप्पा से जो मांगती हैं, वह नहीं बताती, लेकिन वह बिंदास मांगती हैं।
गणेश विसर्जन पर ईशा की भावनाएँ क्या हैं?
ईशा ने कहा कि बप्पा के जाने पर उनका मन उदास हो जाता है।
ईशा ने गणपति की स्थापना कितने दिन के लिए की?
ईशा ने इस बार गणपति को तीन दिन के लिए घर पर रखा।