क्या एआई कलाकारों के लिए खतरा है? मलकीत सिंह ने साझा किया अपना दृष्टिकोण
सारांश
Key Takeaways
- इंसानी आवाज की ताकत को कोई तकनीक नहीं बदल सकती।
- एआई केवल एक उपकरण है, असली जादू इंसानी रचनात्मकता में है।
- पंजाबी संगीत का बॉलीवुड पर बड़ा प्रभाव है।
- गाने अब तेजी से वायरल होते हैं, लेकिन पुराने गाने हमेशा याद रहते हैं।
- लाइव प्रदर्शन की अनोखी विशेषता हमेशा महत्वपूर्ण रहेगी।
मुंबई, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'गुड़ नालो इश्क मीठा' और 'तुतक तुतक तुतिया' जैसे प्रसिद्ध गानों के जरिए अपनी पहचान बना चुके गायक मलकीत सिंह ने लंबे समय से लोगों का दिल जीता है। उनकी रचनात्मकता के प्रशंसक बहुत हैं, लेकिन जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) गाने बनाने, धुन तैयार करने और संगीत में नवाचार करने में सहायक बन रहा है, तब यह सवाल उठता है कि क्या एआई कलाकारों के लिए एक खतरा बन रहा है?
इस मुद्दे पर मलकीत सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में अपने विचार व्यक्त किए।
राष्ट्र प्रेस को दिए गए इंटरव्यू में मलकीत सिंह ने कहा, ''हालांकि तकनीक कितनी भी उन्नत हो जाए, इंसानी आवाज की शक्ति को कोई नहीं बदल सकता। लाइव प्रदर्शन की विशेषता, कलाकार और दर्शक के बीच की भावनात्मक कड़ी कभी भी तकनीक से पूरी तरह नहीं बनाई जा सकती। एआई संगीत बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन वह उस जादू को उत्पन्न नहीं कर सकता, जो असली इंसानी आवाज और लाइव प्रदर्शन में होता है।''
उन्होंने यह भी कहा कि एआई से संगीत और वाद्य यंत्र सीखे जा सकते हैं, लेकिन असली आवाज ईश्वर की देन होती है और इसे किसी मशीन द्वारा नहीं दोहराया जा सकता।
जब राष्ट्र प्रेस ने उनसे सीधे पूछा कि क्या एआई कलाकारों के लिए खतरा है, तो उन्होंने उत्तर दिया, ''यह कोई खतरा नहीं है। तकनीक आगे बढ़ती रहेगी, लेकिन इंसानी आवाज कभी अप्रासंगिक नहीं होगी। एआई गाना बना सकता है, पर लाइव स्टेज पर प्रदर्शन नहीं कर सकता। दर्शकों के सामने कलाकार का असली स्वर ही महत्वपूर्ण है।''
अपने अनुभवों को साझा करते हुए मलकीत सिंह ने कहा कि कैसे पुराने समय में गाने लोगों के दिलों में लंबे समय तक रहते थे।
उन्होंने बताया कि आज की डिजिटल दुनिया में गाने कुछ ही सेकंड में वायरल हो जाते हैं और लोगों की पसंद बदलने की गति भी तेज है। पहले के समय में जब कैसेट और सीडी का दौर था, गाने लंबे समय तक प्रसिद्ध रहते थे। कलाकारों के नाम और उनकी आवाज सालों तक लोगों के दिलों में बसी रहती थी। वह समय संगीत का सुनहरा युग था। कुछ गाने समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं और आज भी लोग उन्हें उतनी ही खुशी से सुनते हैं।'
पंजाबी संगीत की दुनिया पर चर्चा करते हुए मलकीत सिंह ने कहा कि आज बॉलीवुड में पंजाबी संगीत का बोलबाला है। इसके बीट्स और ऊर्जा के कारण यह तुरंत लोगों से जुड़ जाता है। पंजाबी गाने सरल, आकर्षक और गाने में आसान होते हैं, जो हर उम्र के लोगों को पसंद आते हैं।
उन्होंने बताया कि जब वह यूरोप में प्रदर्शन करते हैं, तो वहां के लोग भी खुशी-खुशी पंजाबी शब्द दोहराते हैं।