क्या अमिताभ बच्चन ने 'शोले' का पुराना टिकट साझा किया है?

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क्या अमिताभ बच्चन ने 'शोले' का पुराना टिकट साझा किया है?

सारांश

मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्म 'शोले' के 20 रुपये के पुराने टिकट की तस्वीर साझा की। यह टिकट न केवल फिल्म के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि आज के समय की महंगाई की भी एक झलक देता है। जानें अमिताभ ने इस टिकट के बारे में क्या कहा और फिल्म 'शोले' की कहानी के बारे में।

Key Takeaways

  • अमिताभ बच्चन का 'शोले' का टिकट 20 रुपये का था।
  • 'शोले' फिल्म 1975 में रिलीज हुई थी।
  • फिल्म की कहानी दो दोस्तों की है जो एक डाकू को पकड़ने की कोशिश करते हैं।
  • अमिताभ ने ब्लॉग पर अपनी रचनात्मकता के बारे में भी बात की।
  • महंगाई के संदर्भ में यह टिकट एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।

मुंबई, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी 1970 की प्रसिद्ध फिल्म 'शोले' के पुराने सिनेमा हॉल टिकट की तस्वीर साझा की। उन्होंने बताया कि उस समय इस टिकट की कीमत केवल 20 रुपये थी।

अमिताभ ने अपने ब्लॉग में मुंबई स्थित अपने निवास के बाहर प्रशंसकों के साथ साप्ताहिक मुलाकात की कुछ तस्वीरें साझा कीं, और साथ ही उन्होंने 'शोले' का टिकट भी दिखाया, जिसे उन्होंने बहुत ध्यान से रखा था।

उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा, "शोले का टिकट... जिसे संभाल कर रखा गया, यह उस समय के मूल्य को दर्शाता है... कीमत केवल 20 रुपये थी।"

अमिताभ इस बात से हैरान थे कि उस समय फिल्म का टिकट 20 रुपये था, जबकि अब उसी कीमत में हॉल में सिर्फ एक कोल्ड ड्रिंक मिलती है।

अमिताभ ने आगे लिखा, "मुझे बताया गया है कि आजकल सिनेमा हॉल में एक कोल्ड ड्रिंक की कीमत यही है... क्या यह सच है? बहुत कुछ कहने को है, लेकिन कह नहीं रहा... प्यार और सम्मान।"

गौरतलब है कि 'शोले' एक रोमांचक एक्शन-एडवेंचर फिल्म थी, जिसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था। इसकी कहानी दो दोस्तों, वीरू और जय के इर्द-गिर्द घूमती है, जो छोटे-मोटे बदमाश हैं। इन्हें रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह ने काम पर रखा, ताकि वे खतरनाक डाकू गब्बर सिंह को पकड़ सकें। दोनों अपनी हिम्मत, दोस्ती और चालाकी से गब्बर को चुनौती देते हैं। इस दौरान ठाकुर से जुड़े कुछ रहस्यों का भी पता चलता है। यह फिल्म आज भी दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान रखती है।

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में बताया कि रात में रचनात्मकता और सोचने का एक खास जादू होता है। उन्होंने कहा कि जब चारों ओर शांति होती है या सब चुप होते हैं, तब दिमाग सबसे साफ और तेज सोच पाता है।

अमिताभ बच्चन ने कहा, "ये वह समय होता है जब खामोशी होती है और हम जागे हुए होते हैं... यह एक रहस्य है, है ना? देर रात का समय सोचने और समझने के लिए सबसे अच्छा होता है। इस पर कई विचार हैं, लेकिन दो खास बातें हैं... एक, आप जो लिखते हैं उसे अच्छी तरह सुन पाते हैं और दूसरा, शोर के बीच अकेलापन महसूस करते हैं। यह एक अलग तरह की सोच है, लेकिन हैरानी की बात है कि जब चारों तरफ शांति होती है, तब दिमाग और रचनात्मकता सबसे बेहतर तरीके से काम करते हैं।"

Point of View

यह कहना उचित होगा कि अमिताभ बच्चन का यह साझा किया गया टिकट न केवल भारतीय सिनेमा के इतिहास को दर्शाता है, बल्कि यह आज की महंगाई के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है। इस तरह की कहानियाँ हमें हमारे अतीत से जोड़े रखती हैं और फिल्म इंडस्ट्री के विकास को समझने में मदद करती हैं।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

अमिताभ बच्चन ने कब 'शोले' का टिकट साझा किया?
अमिताभ बच्चन ने यह टिकट 28 जुलाई को साझा किया।
'शोले' फिल्म किस वर्ष रिलीज हुई थी?
'शोले' फिल्म 1975 में रिलीज हुई थी।
'शोले' का टिकट कितने रुपये का था?
'शोले' का पुराना टिकट 20 रुपये का था।
फिल्म 'शोले' की कहानी क्या है?
'शोले' दो दोस्तों वीरू और जय की कहानी है, जो एक खतरनाक डाकू गब्बर सिंह को पकड़ने की कोशिश करते हैं।
अमिताभ बच्चन ने इस टिकट के बारे में क्या कहा?
अमिताभ बच्चन ने कहा कि यह टिकट उनके लिए बहुत खास है और इसकी कीमत सुनकर वह हैरान हैं।