क्या 'ख्वाजा मेरे ख्वाजा' गाने ने हॉलीवुड का रास्ता दिखाया? : ए.आर. रहमान

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क्या 'ख्वाजा मेरे ख्वाजा' गाने ने हॉलीवुड का रास्ता दिखाया? : ए.आर. रहमान

सारांश

ए.आर. रहमान का 'ख्वाजा मेरे ख्वाजा' गाना भारतीय संगीत के लिए एक मील का पत्थर है। यह गाना न केवल संगीत प्रेमियों का दिल जीतता है, बल्कि इसे हॉलीवुड में भी पहचान मिली है। जानिए इस गाने की प्रेरणा और ए.आर. रहमान की यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • ए.आर. रहमान का गाना 'ख्वाजा मेरे ख्वाजा' आध्यात्मिक गहराई से भरा है।
  • यह गाना अजमेर शरीफ की दरगाह पर लिखा गया था।
  • इस गाने ने रहमान को हॉलीवुड में पहचान दिलाई।
  • आशुतोष गोवारिकर ने इस गाने को अपनी फिल्म में शामिल किया।
  • गाने की प्रेरणा रहमान की हज यात्रा से भी जुड़ी है।

मुंबई, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ए.आर. रहमान का गाना ‘ख्वाजा मेरे ख्वाजा’ भारतीय संगीत प्रेमियों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। इस गाने में जो आध्यात्मिकता और गहराई है, वह अक्सर नहीं मिलती।

संगीतकार ए.आर. रहमान के लिए यह गाना केवल एक संगीत रचना नहीं थी, बल्कि यह ईश्वर की कृपा का प्रतीक है। उनका मानना है कि इस गाने के कारण ही उन्हें अगले वर्ष ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए दो अकादमी पुरस्कार जीतने का मौका मिला।

यह गाना आशुतोष गोवारिकर की 2008 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘जोधा अकबर’ का हिस्सा है। ए.आर. रहमान ने एक साक्षात्कार में बताया कि यह गाना इस फिल्म के लिए नहीं लिखा गया था। जब वह अजमेर शरीफ की यात्रा पर थे, तब उन्होंने यह गाना ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र सूफी दरगाह पर लिखा।

रहमान ने साझा किया कि वहां के एक खादिम ने उनसे कहा, 'तुम ख्वाजा पर एक गाना क्यों नहीं लिखते? तुमने पिया हाजी अली पर गाया, लेकिन ख्वाजा के लिए कुछ नहीं।'

रहमान ने कहा, 'पता नहीं... मुझे अभी ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ। दुआ करो कि मुझे ऐसा कुछ मिल जाए।'

उन्होंने आगे कहा, 'ऑस्ट्रेलिया जाते समय मुझे एक धुन नहीं मिल रही थी। इसलिए मैंने इसे ख्वाजा को समर्पित एक गाने के रूप में प्रयोग करने की कोशिश की। मैंने पूरा गाना रिकॉर्ड किया और गीतकार काशिफ से इसे पूरा करने को कहा। एक साल बाद आशुतोष गोवारिकर मेरे पास ‘जोधा अकबर’ लेकर आए।'

आशुतोष गोवारिकर ने बताया कि फिल्म में एक दृश्य में बादशाह अकबर अजमेर दरगाह जाते हैं। रहमान ने हंसते हुए कहा, 'रुको, मेरे पास एक गाना है।' लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें पूरा गाना नहीं चाहिए, केवल दो पंक्तियां चाहिए। मैंने उनसे कहा कि यह एक पूरा गीत है।'

जब आशुतोष ने यह गाना सुना, तो वह भावुक हो गए और कहा कि यह गाना उन्हें दे दें। आशुतोष ने इसे ईश्वर का आशीर्वाद कहा। रहमान ने उनसे कहा कि ठीक है, लेकिन आप कुछ नहीं बदल सकते। फिर दो साल बाद मुझे ऑस्कर मिला।

ऑस्कर विजेता संगीतकार रहमान ने यह भी बताया कि मणिरत्नम की फिल्म ‘गुरु’ का उनका हिट गाना ‘मय्या मय्या’ उनकी हज यात्रा से प्रेरित था।

Point of View

जो ए.आर. रहमान की संगीत यात्रा को दर्शाती है। यह गाना न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह विश्व स्तर पर भी संगीत के क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलता है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

ख्वाजा मेरे ख्वाजा गाने की प्रेरणा क्या थी?
यह गाना ए.आर. रहमान ने अजमेर शरीफ की दरगाह पर लिखा था, जो ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को समर्पित है।
क्या यह गाना हॉलीवुड में प्रसिद्ध हुआ?
हाँ, इस गाने ने ए.आर. रहमान को हॉलीवुड में पहचान दिलाई और उन्हें ऑस्कर जीतने का मौका मिला।