क्या अशोक पंडित ने राजनीतिक दलों और बीएमसी पर तीखा हमला किया?

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क्या अशोक पंडित ने राजनीतिक दलों और बीएमसी पर तीखा हमला किया?

सारांश

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने बीएमसी और राजनीतिक दलों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक तीखा बयान दिया। उनका कहना है कि सड़कों की खराब स्थिति नेताओं और अधिकारियों के लिए एटीएम जैसी है। जानिए इस मुद्दे पर उनकी बेबाक राय।

Key Takeaways

  • अशोक पंडित का बयान भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आवाज है।
  • सड़कों की खराब स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • राजनीतिक दलों को जवाबदेह ठहराने का समय आ गया है।

मुंबई, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता और इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और राजनीतिक दलों पर एक तीखा बयान दिया है। सोशल मीडिया पर अपनी स्पष्ट राय के लिए जाने जाने वाले पंडित ने बीएमसी के साथ-साथ राजनीतिक दलों को भी जमकर फटकार लगाई।

पंडित ने इंस्टाग्राम के स्टोरीज सेक्शन पर एक समाचार पत्र की कटिंग साझा करते हुए लिखा, "गड्ढे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और एमएमआरडीए, बीएमसी जैसी सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों के लिए एटीएम केंद्र हैं। जितने अधिक गड्ढे, उतना अधिक पैसा।"

इस बयान के माध्यम से उन्होंने सड़कों की ख़राब स्थिति और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सवाल उठाए। अशोक पंडित सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बेबाकी से बात करते हैं।

इससे पहले, उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बयान देने के आरोप में गिरफ्तार 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली का समर्थन किया था। उन्होंने शर्मिष्ठा की तस्वीर साझा कर देशवासियों से अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की कि अत्याचार के खिलाफ चुप रहना भी एक अपराध है। इसके अलावा, पंडित ने तुर्किए पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाते हुए फिल्म इंडस्ट्री से तुर्किए का बहिष्कार करने की मांग की थी। यह तब हुआ जब तुर्किए और अजरबैजान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की आलोचना की।

निर्माता और निर्देशक अशोक पंडित कई सफल फिल्मों का निर्माण और निर्देशन कर चुके हैं। उनकी प्रमुख फिल्मों में '72 हूरें', 'सी कंपनी', 'तेरा क्या होगा जॉनी', 'कॉरपोरेट', 'अनकही', 'मैंने गांधी को नहीं मारा', 'शीन' शामिल हैं। अशोक पंडित ने टीवी शो और सामाजिक मुद्दों पर आधारित प्रोजेक्ट्स के लिए भी काम किया है।

वह अपनी स्पष्ट राय और फिल्मों को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं। साल 2023 में आई उनकी फिल्म '72 हूरें' के लिए अशोक को धमकियां भी मिली थीं, जिसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी। इस फिल्म के निर्देशक संजय चौहान को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था।

वह फिल्म '72 हूरें' के सह-निर्माता रहे हैं, जो आतंकवाद पर आधारित थी।

Point of View

अशोक पंडित का यह बयान हमारे समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और राजनीतिक असंवेदनशीलता के प्रति जागरूकता लाने का एक प्रयास है। यह जरूरी है कि हम अपने नेताओं से जवाबदेही की उम्मीद करें और अपने अधिकारों के लिए खड़े हों।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

अशोक पंडित ने बीएमसी पर क्या आरोप लगाया?
अशोक पंडित ने कहा कि बीएमसी और राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए गड्ढे एटीएम का काम कर रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार का संकेत मिलता है।
कौन-कौन सी फिल्में अशोक पंडित ने बनाई हैं?
अशोक पंडित की प्रमुख फिल्मों में '72 हूरें', 'सी कंपनी', 'तेरा क्या होगा जॉनी', 'कॉरपोरेट', और 'अनकही' शामिल हैं।