क्या 'एवरग्रीन हीरो' निपोन गोस्वामी को असम के मुख्यमंत्री ने याद किया?
सारांश
Key Takeaways
- निपोन गोस्वामी का योगदान असमिया सिनेमा में अमूल्य है।
- उनकी फिल्में असम की संस्कृति को दर्शाती हैं।
- मुख्यमंत्री ने उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
- उन्हें असमिया सिनेमा का 'एवरग्रीन हीरो' कहा जाता है।
- निपोन गोस्वामी का जीवन प्रेरणा का स्रोत है।
गुवाहाटी, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। असम और यहां के सिनेमा ने हमेशा अपने कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों के योगदान को विशेष आदर के साथ याद किया है। इनमें से एक नाम, जो सदैव लोगों के दिलों में जीवित रहेगा, वह है निपोन गोस्वामी का।
वह न केवल एक महान अभिनेता थे, बल्कि असम की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने वाले प्रेरक और मार्गदर्शक भी थे। उनकी फिल्मों ने असम के आम जीवन और भावनाओं को सहज और वास्तविक तरीके से पर्दे पर प्रस्तुत किया। निपोन गोस्वामी का अभिनय और उनका व्यक्तित्व असम के सिनेमा को एक नई पहचान देने में सहायक रहे।
सोमवार को उनकी पुण्यतिथि पर, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने निपोन गोस्वामी को असम की संस्कृति और सिनेमा के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में मान्यता दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अभिनय और विनम्र स्वभाव ने अनेक लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने असम की कहानियों को दूर-दूर तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी।
मुख्यमंत्री ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, "दिग्गज अभिनेता निपोन गोस्वामी को आज उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहा हूं। अपने असाधारण अभिनय कौशल और असमिया कहानी कहने की कला को दूर-दूर तक पहुँचाने के माध्यम से, उन्होंने हमारे दिलो-दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी। श्रद्धांजलि।"
निपोन गोस्वामी को अक्सर असमिया सिनेमा का एवरग्रीन हीरो कहा जाता है। उनके अभिनय ने न केवल फिल्मों को नया आयाम दिया, बल्कि असम की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत किया।
निपोन गोस्वामी का जन्म 1942 में तेजपुर में हुआ था। वे पुणे के फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) से स्नातक थे। यहां उन्होंने अपने समय के कई प्रसिद्ध फिल्मकारों और अभिनेताओं के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया, जैसे सुभाष घई और शत्रुघ्न सिन्हा। यह अनुभव उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।
निपोन गोस्वामी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1957 में 'पियाली फुकन' से की, जिसमें उन्होंने बाल कलाकार के तौर पर अभिनय किया। 1968 में आई फिल्म 'संग्राम' में वह मुख्य अभिनेता के रूप में दिखे। इसके बाद उन्होंने कई यादगार फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें 'डॉ. बेजबरुआ', 'अजोली नाबौ', 'संध्या राग', 'पाप अरु प्रयाश्चित्त', 'मनस कन्या' और 'श्रीमति महिमामयी' जैसी फिल्में शामिल हैं। उन्होंने टीवी सीरियल्स और थिएटर में भी काम किया और युवा कलाकारों को मार्गदर्शन दिया।
निपोन गोस्वामी का निधन 2022 में 80 वर्ष की आयु में हुआ था।