क्या 'बेटी करे माई खातिर छठ पूजा' ने मां की भक्ति को नया आयाम दिया?

सारांश
Key Takeaways
- मातृभक्ति का नया स्वरूप
- सुरभि कश्यप की मधुर आवाज
- छठ महापर्व की महत्ता
- बेटी का मां के प्रति समर्पण
- भोजपुरी संगीत में आधुनिकता
मुंबई, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के पावन पर्व के बाद अब कई लोग छठ महापर्व की तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच भोजपुरी संगीत की गायिका सुरभि कश्यप ने एक विशेष तोहफा प्रस्तुत किया है। उन्होंने छठ के आगमन से पहले अपना नया भक्ति गीत 'बेटी करे माई खातिर छठ पूजा' रिलीज किया है, जो मातृभक्ति की अनकही कहानी को संगीतमय रूप में प्रस्तुत करता है।
यह गीत न केवल छठ की धार्मिक परंपरा को जीवंत करता है, बल्कि आधुनिक भावनाओं को भी बखूबी जोड़ता है। सुरभि कश्यप, जो भोजपुरी इंडस्ट्री में अपनी मधुर धुनों के लिए प्रसिद्ध हैं, ने इस गाने को सभी माताओं को समर्पित किया है।
सुरभि ने कहा कि छठ पूजा हमेशा से माताओं का त्योहार रहा है। माताएं अपने बच्चों के सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए यह व्रत करती हैं। लेकिन इस बार मैंने सोचा कि क्यों न बेटी की नजर से मां की पीड़ा और समर्पण को उजागर किया जाए। यह गीत उन सभी माताओं के लिए है, जो छठ के चार दिनों में अपनी जान लगा देती हैं।
गाने की शुरुआत इतनी भावुक है कि सुनते ही आंखों में आंसू आ जाते हैं। सुरभि की कोमल आवाज में गूंजता है, "छठ पूजा एक मां करती है, अपने बच्चों के लिए। लेकिन यह छठ गीत एक बेटी की तरफ से है, जो अपनी मां के सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कर रही है। तो यह गाना उन सभी माताओं के लिए है, जो यह छठ व्रत रखती हैं।"
इस गीत को भोजपुरी आईटीसेल के बैनर तले रिलीज किया गया है। सुरभि ने इसे अपनी मखमली आवाज में गाया है। बोल संतोषपुरी ने लिखे हैं, और संगीतकार शिशिर पांडे ने इसका संगीत तैयार किया है, जिन्होंने पारंपरिक ढोल-मांदल की थाप और आधुनिक बीट्स का अद्भुत संगम किया है।
सुरभि ने गाने को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया, जहां कैप्शन में लिखा, "बेटी करे माई खातिर छठ पूजा। यह गीत उन सभी अदम्य शक्तियों को समर्पित है, जो हमारी माताओं के रूप में हैं।"
वीडियो में गायिका पारंपरिक लुक में नजर आ रही हैं, और गाने के वीडियो में सुरभि स्टूडियो में गाना गा रही हैं। रिलीज के कुछ घंटों में ही सोशल मीडिया पर कई व्यूज जमा हो गए हैं। फैंस कमेंट्स में लिख रहे हैं, "यह गीत छठ की रौनक बढ़ा देगा" और "मां को सुनाकर रोए बिना रह नहीं पाया।"