क्या अमेरिका का वीजा नियंत्रण कदम प्रभुत्ववादी कार्रवाई है?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका का वीजा नियंत्रण कदम प्रभुत्ववादी कार्रवाई है।
- चीन ने इस कदम के खिलाफ गंभीरता से आवाज उठाई है।
- मध्य अमेरिका के उद्योगों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- चीन हमेशा मध्य अमेरिका का सहयोगी रहेगा।
- अमेरिका को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
बीजिंग, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि वर्तमान में अमेरिका द्वारा किए गए वीजा नियंत्रण के कदम को पूरी तरह से प्रभुत्ववादी कार्रवाई माना जा रहा है। चीन ने इस मामले को गंभीरता से अमेरिका के समक्ष उठाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने हाल ही में यह घोषणा की है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सहयोग में लगे और मध्य अमेरिकी देशों के कानूनी शासन को नष्ट करने वाले नागरिकों तथा उनके परिवारों के लिए अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में नियंत्रण किया जाएगा। अमेरिका ने यह भी धमकी दी है कि मध्य अमेरिका के उद्योग और वाणिज्य जगत के लोग चीन के सरकारी उद्यमों के साथ सहयोग नहीं कर सकेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अपने कानूनी शासन का बहाना बनाकर गैरकानूनी कार्यवाही कर रहा है और एकतरफा प्रतिबंधों के माध्यम से क्षेत्र के देशों और व्यक्तियों पर राजनीतिक दबाव और आर्थिक धमकी दे रहा है। वह अपने घरेलू कानूनों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों से ऊपर रखता है, जिससे अन्य देशों के कानूनी हितों को क्षति पहुंचती है। यह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के सिद्धांत का उल्लंघन है और एकदम प्रभुत्ववादी कार्रवाई है।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका का वीजा लेकर धमकाना दूरदर्शी लोगों को नहीं डरा सकता है और चीन तथा मध्य अमेरिकी देशों के बीच संबंधों का विकास रुक नहीं सकता। चीन हमेशा मध्य अमेरिकी देशों का एक अच्छा मित्र और भागीदार बना रहेगा और एक साथ चीन-लैटिन अमेरिका साझे भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करेगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)