नेपाल में चुनाव का रास्ता साफ है क्या? जानें कैसे होता है निर्वाचन
सारांश
Key Takeaways
- नेपाल में 2026 में चुनाव होने जा रहे हैं।
- दो प्रकार के चुनाव: संघीय और प्रांतीय।
- एफपीटीपी और पीआर प्रणाली का महत्व।
- नेपाल की संसद में बहुमत के लिए 138 सीटें आवश्यक।
- पिछले दो दशकों में पूर्ण बहुमत नहीं मिला।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में 2026 में चुनाव होने जा रहे हैं ताकि लोकतांत्रिक तरीके से सरकार का गठन किया जा सके। राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और उनका रजिस्ट्रेशन भी प्रारंभ हो चुका है। आइए समझते हैं कि संघीय चुनाव और प्रांतीय चुनाव क्या होते हैं और अनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) और फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (एफपीटीपी) का इससे क्या संबंध है।
नेपाल में दो प्रकार के चुनाव होते हैं: एक संघीय चुनाव और दूसरा प्रांतीय चुनाव। संघीय चुनाव में दो सदन होते हैं, प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) और राष्ट्र सभा (ऊपरी सदन)। इनका चुनाव अलग-अलग होता है। वहीं, प्रांतीय चुनाव में नेपाल के सातों प्रांत अपनी-अपनी विधानसभा के लिए चुनाव करते हैं। कुल मिलाकर तीन स्तरों पर चुनाव कराए जाते हैं।
नेपाल की चुनाव व्यवस्था मिश्रित चुनाव प्रणाली पर आधारित है, जिसमें प्रपोर्शनल रिप्रजेंटेशन (पीआर) और फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (एफपीटीपी) शामिल हैं। यह व्यवस्था 2015 में लागू किए गए संविधान के तहत बनाई गई थी। एफपीटीपी से स्थानीय प्रतिनिधित्व मिलता है, जबकि पीआर से विविधता और अनुपातिकता सुनिश्चित होती है।
संघीय चुनाव में एफपीटीपी के तहत सबसे अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार जीतता है। नेपाल को 165 निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, और इन सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक वोट पाने वाला ही विजेता होता है। दूसरी ओर, 110 सीटें पीआर प्रणाली के माध्यम से भरी जाती हैं, जहां मतदाता पार्टी को वोट देते हैं। जितने प्रतिशत वोट मिलते हैं, उतनी प्रतिशत सीटें भी पार्टी को मिलती हैं।
प्रांतीय चुनाव में एफपीटीपी प्रणाली के तहत नेपाल के 7 प्रांतों को स्थानीय निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा गया है। हर क्षेत्र में सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता होगा। पीआर प्रणाली में पार्टियों द्वारा प्रांत स्तर पर सूची दी जाती है और वोटों के प्रतिशत के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं।
नेपाल में जेन-जी के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद केपी ओली की सरकार को गिरा दिया गया था। इसके बाद सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला।
नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 5 मार्च 2026 को चुनाव होने जा रहे हैं। नेपाल की लोकसभा में कुल 275 सीटें हैं, जिनमें से 165 सीटों पर जनता सीधे अपने प्रतिनिधि का चुनाव करती है, जबकि बाकी की 110 सीटों पर विभिन्न समुदायों से प्रतिनिधि चुने जाते हैं।
नेपाल की संसद में बहुमत प्राप्त करने के लिए कम से कम 138 सीटों की आवश्यकता होती है। हालांकि, नेपाल की किसी भी पार्टी को पिछले दो दशकों में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ है।
—राष्ट्र प्रेस
केके/एबीएम