दर्शन की जमानत रद्द? रेणुकास्वामी के पिता बोले, 'न्यायपालिका पर बढ़ा भरोसा'

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दर्शन की जमानत रद्द? रेणुकास्वामी के पिता बोले, 'न्यायपालिका पर बढ़ा भरोसा'

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड़ अभिनेता दर्शन की जमानत रद्द कर दी है, जिससे पीड़ित पक्ष ने संतोष व्यक्त किया है। रेणुकास्वामी के पिता ने न्यायपालिका पर विश्वास बढ़ने की बात की है। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • दर्शन की जमानत रद्द
  • सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
  • पीड़ित पक्ष में संतोष
  • न्यायपालिका पर बढ़ा विश्वास
  • विशेष सुविधाओं पर कोर्ट की चेतावनी

चित्रदुर्ग, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कन्नड़ अभिनेता दर्शन को रेणुका स्वामी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गुरुवार को उनकी जमानत रद्द कर दी। शीर्ष अदालत के इस निर्णय पर पीड़ित पक्ष ने संतोष व्यक्त किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के दिसंबर 2024 के उस आदेश को पलटा, जिसमें दर्शन और उनकी सह-कलाकार पवित्रा गौड़ा समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत दी गई थी। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर रेणुकास्वामी के पिता काशीनाथ शिवनगौदर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “दर्शन की जमानत याचिका आज सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दी गई। गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया गया। हमारा न्यायपालिका में विश्वास बढ़ा है। जब हाई कोर्ट ने जमानत दी तो चिंता हुई थी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार और न्यायपालिका में और विश्वास बढ़ा है; इस मामले में न्याय मिलने का भरोसा है। मेरी मांग है कि पीड़ित की पत्नी और मेरी बहू को नौकरी दी जानी चाहिए। निचली अदालत में त्वरित सुनवाई होनी चाहिए। यह साबित हो गया है कि उम्र चाहे कितनी भी हो, कानून सभी पर समान है। हम इस मामले को लेकर बहुत चिंतित थे, लेकिन हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूरा भरोसा है। गुरुजी, ईश्वर की कृपा से जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। मैं सभी मीडियाकर्मियों का धन्यवाद करता हूँ।”

इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हाईकोर्ट ने जमानत देते समय ऐसा आदेश दिया जो सजा या बरी करने जैसा प्रतीत होता है। जस्टिस पारदीवाला ने टिप्पणी की, “हाईकोर्ट का यह रवैया प्रथम दृष्टया न्यायिक शक्ति का दुरुपयोग है। निचली अदालत का जज ऐसी गलती करे, तो समझा जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट के जज से ऐसी भूल स्वीकार्य नहीं है।”

कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि जेल में आरोपियों को विशेष सुविधाएं देने की शिकायत मिली, तो जेल अधीक्षक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Point of View

NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

दर्शन की जमानत क्यों रद्द की गई?
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए लिया, जिसमें दर्शन को जमानत दी गई थी।
रेणुकास्वामी के पिता ने इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और इस फैसले से उन्हें संतोष मिला है।