क्या दशहरे पर अमिताभ बच्चन का यह खास संदेश आपको प्रेरित करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- अच्छाई की बुराई पर जीत का संदेश
- सत्य और धर्म की स्थायित्व
- जीवन में संघर्ष और धैर्य का महत्व
- अमिताभ बच्चन का जीवन अनुभव
- सिनेमा की लोकप्रियता का कारण
मुंबई, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, यह अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। रावण दहन की परंपरा और श्रीराम की विजय की कथा हर वर्ष हमें यह सिखाती है कि अंत में सत्य और धर्म की जीत होती है। इसी संदर्भ में हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में कुछ ऐसे विचार साझा किए हैं जो न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभवों को उजागर करते हैं, बल्कि हमारे समाज और सिनेमा की सोच को भी गहराई से छूते हैं।
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा कि भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें हमेशा न्यायपूर्ण अंत होता है। हमारी फिल्मों में तीन घंटे के भीतर कहानी का क्लाइमेक्स आता है और अच्छाई की जीत होती है। वे मानते हैं कि यही कारण है कि हमारे दर्शक इन फिल्मों से इतना जुड़ाव महसूस करते हैं। बच्चन का कहना है कि यही न्यायपूर्ण अंत असल जिंदगी में भी हर कोई चाहता है। बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में जीत सच्चाई और अच्छाई की होती है।
उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा, "आखिर में हमेशा... न्यायपूर्ण अंत होता है। यही हमारी सभी फिल्मों का सूत्र है—बुराई पर अच्छाई की जीत और तीन घंटे के भीतर हमें न्यायपूर्ण अंत देखने को मिलता है। यही हमारे सिनेमा की लोकप्रियता का कारण है और यही जीवन की लोकप्रियता हमेशा रहेगी।"
उन्होंने दशहरे के पर्व को लेकर भी खास विचार साझा किए। बच्चन ने लिखा, "जैसे-जैसे दशहरा पास आता है, जिंदगी का एक भावनात्मक क्लाइमेक्स भी हमारे सामने आता। यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि बुरे समय या गलत रास्ते पर चाहे कितना भी चला जाए, आखिर में धर्म और सद्गुण ही टिकते हैं। सिनेमा की तरह जिंदगी में भी संघर्ष होता है, लेकिन यदि विश्वास और धैर्य बना रहे तो अंत सुखद हो सकता है।"
बिग बी ने अपने ब्लॉग में आगे लिखा, "जब हम उन चीजों को स्वीकार कर लेते हैं जिन्हें हम बदल नहीं सकते, तो हमारे मन को शांति मिलती है। इससे न केवल सहनशीलता बढ़ती है, बल्कि हमारे अंदर की शक्ति और समझ भी गहरी होती है। स्वीकार करने से हम खुद से और समाज से बेहतर रिश्ता बना पाते हैं।"
राष्ट्र प्रेस
पीके/एएस