क्या 'धुरंधर' को लेकर विवाद है? विवेक रंजन ने कहा- 'नैरेटिव कंट्रोल का डर'

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क्या 'धुरंधर' को लेकर विवाद है? विवेक रंजन ने कहा- 'नैरेटिव कंट्रोल का डर'

सारांश

फिल्म 'धुरंधर' ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है, लेकिन इसके साथ विवाद भी जुड़ गया है। विवेक रंजन अग्निहोत्री ने इस विवाद को पुराने पैटर्न से जोड़ते हुए अपने विचार साझा किए हैं। जानिए क्या है इस फिल्म के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • फिल्म 'धुरंधर' ने 250 करोड़ की कमाई की है।
  • विवेक रंजन अग्निहोत्री ने विवाद को आफ्टरशॉक बताया है।
  • फिल्म को कुछ देशों में बैन किया गया है।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आदित्य धर द्वारा निर्देशित फिल्म 'धुरंधर' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की है। यह स्पाई थ्रिलर अब तक 250 करोड़ से अधिक की कमाई कर चुकी है। कुछ समीक्षकों ने इसे 'प्रोपेगेंडा', 'नेशनलिज्म' और 'एंटी-पाकिस्तान नैरेटिव' करार दिया है। इस बीच, फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने इस विवाद को एक पुरानी पैटर्न से जोड़ते हुए अपने विचार साझा किए।

सोशल मीडिया पर अपने लेख में उन्होंने लिखा, "'धुरंधर' से संबंधित जो प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं, वे कोई नई या अनोखी समस्या नहीं हैं। मिक्स्ड रिव्यूज, नकारात्मक शब्दावली जैसे 'खतरनाक', 'इंफ्लेमेटरी' और 'इरादों पर हमले' पहले भी देखने को मिले हैं। यह एक 'आफ्टरशॉक' है, जैसे भूकंप के बाद का झटका। वही पुरानी चिंताएँ और प्रतिक्रियाएँ पुनः सामने आ रही हैं, जो पहले 2016 में आई मेरी फिल्म 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जैम' को लेकर भी हुई थीं।"

उन्होंने आगे कहा, "इसकी वजह यह है कि कुछ एलीट क्लास, जिन्हें 'नैरेटिव जमींदार' कहा जा सकता है, कहानी पर अपने लंबे समय के नियंत्रण को खोते हुए देख रहे हैं। ये जमींदार यह तय करते हैं कि कौन सी कहानी स्वीकार्य है और कौन सा दृष्टिकोण सुरक्षित है। उन्हें विवाद से नहीं, बल्कि 'विस्थापन' से डर लगता है, यानी उनकी नैरेटिव पावर का आम लोगों या नए दृष्टिकोण की ओर जाना। 'धुरंधर' जैसी फिल्में, जो राष्ट्रवादी थीम पर खुलकर बात करती हैं और वास्तविक घटनाओं जैसे कंधार हाइजैक, 26 नवंबर से प्रेरित हैं, पुराने नियंत्रण को चुनौती देती हैं। इसलिए वही पुरानी प्रतिक्रियाएँ, आलोचना, चुप्पी या नैतिक आक्रोश देखने को मिल रहा है।"

अग्निहोत्री का कहना है, "फिल्में राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। राजनीति सरकारें या कानून बदल सकती हैं, जो बाद में रद्द हो सकते हैं। लेकिन, फिल्में लोगों के सोचने के तरीके को बदल देती हैं। एक कहानी मन में बस जाने से स्थायी दृष्टिकोण बन जाता है। सिनेमा चुपके से चीजों को 'सामान्य' बना देता है, भावनाओं और सामूहिक यादों को आकार देता है। जब यह प्रक्रिया एलीट नियंत्रण से बाहर होती है, तो उनके लिए यह अस्तित्व का प्रश्न बन जाता है।"

फिल्म 'धुरंधर' में रणवीर सिंह, अक्षय खन्ना, आर माधवन, संजय दत्त, अर्जुन रामपाल, राकेश बेदी, सारा अर्जुन जैसे सितारों का समावेश है। फिल्म को कुछ लोगों द्वारा आलोचना का सामना भी करना पड़ा है, यहां तक कि बहरीन, कुवैत सहित कई गल्फ देशों में इसे प्रतिबंधित किया गया है।

Point of View

बल्कि इसके सामाजिक प्रभाव को भी समझें।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

फिल्म 'धुरंधर' की कहानी क्या है?
यह फिल्म एक स्पाई थ्रिलर है जो वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है।
क्या फिल्म को बैन किया गया है?
हाँ, इसे कुछ गल्फ देशों में प्रतिबंधित किया गया है।
विवेक रंजन अग्निहोत्री का विवाद के बारे में क्या कहना है?
उन्होंने इसे पुराने पैटर्न से जोड़ते हुए कहा है कि यह नैरेटिव कंट्रोल का डर है।
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