क्या दिग्गज अभिनेता श्रीनिवासन के निधन पर दुलकर सलमान का दर्द छलक गया?

Click to start listening
क्या दिग्गज अभिनेता श्रीनिवासन के निधन पर दुलकर सलमान का दर्द छलक गया?

सारांश

दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक युग का अंत। श्रीनिवासन के निधन पर दुलकर सलमान ने भावुक श्रद्धांजलि दी। जानें इस महान कलाकार की जिंदगी के कुछ अनमोल पल।

Key Takeaways

  • श्रीनिवासन का निधन साउथ सिनेमा के लिए एक बड़ा झटका है।
  • दुलकर सलमान ने उन्हें परिवार की तरह माना।
  • श्रीनिवासन ने कई उत्कृष्ट फिल्मों में काम किया।
  • वे न केवल अभिनेता थे, बल्कि एक सफल फिल्म निर्माता भी थे।
  • उनका योगदान सिनेमा में अनमोल रहेगा।

मुंबई, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता, फिल्म निर्माता और लेखक श्रीनिवासन का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिसने दक्षिण भारतीय सिनेमा को सदमे में डाल दिया। अभिनेता दुलकर सलमान ने शनिवार को इस फिल्म निर्माता को याद करते हुए सोशल मीडिया पर अपना दुख व्यक्त किया।

उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर फिल्म निर्माता की तस्वीर साझा की और बताया कि श्रीनिवासन उनके लिए एक परिवार के सदस्य की तरह रहे हैं।

दुलकर ने कहा, "मलयालम सिनेमा के एक महान कलाकार और सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक श्रीनिवासन। मैंने उन्हें परिवार जैसा समझा और उनके साथ स्क्रीन साझा करने का सौभाग्य प्राप्त किया। श्रीनी अंकल, आपकी रोशनी हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी। विमला आंटी, विनीत, ध्यान और पूरे परिवार को प्रार्थनाएं और इस दुख की घड़ी में ताकत।"

जानकारी के अनुसार, अभिनेता लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने सुबह केरल के एर्नाकुलम जिले के थ्रिप्पुनिथुरा तालुक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। उन्हें मार्च 2022 में कार्डियक स्ट्रोक हुआ था, जिसके बाद उनकी सर्जरी भी हुई थी। इसके बावजूद, वे काम करते रहे।

अगर बात करें अभिनेता, फिल्म निर्माता और लेखक श्रीनिवासन की, तो उनका सिनेमा में आना हमेशा से तय था, जिसके लिए उन्होंने चेन्नई के फिल्म और टेलीविजन संस्थान से सिनेमा की पढ़ाई की थी।

उन्होंने अपने लंबे करियर में कई उत्कृष्ट फिल्मों में कार्य किया है। अभिनेता ने सामाजिक व्यंग्य और आम जीवन से जुड़े किरदारों में विशेष पहचान बनाई।

श्रीनिवासन ने 1977 में पी.ए. बैकर की फिल्म मणिमुझक्कम से अभिनय की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने हैरी नामक युवक का किरदार निभाया था। इसके बाद, उन्होंने 1980 के दशक तक कई बेहतरीन फिल्मों में काम कर मलयालम इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई। अभिनेता ने लेखन में भी हाथ आजमाया और 1984 में आई 'ओडारुथमवा अलारियाम' की स्क्रिप्टिंग की। एक्टिंग के साथ-साथ उन्होंने कई फिल्मों की पटकथाएं भी लिखीं और निर्देशन भी किया।

Point of View

बल्कि एक फिल्म निर्माता और लेखक भी थे। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
NationPress
20/12/2025
Nation Press