क्या बिहार में विदाई समारोह में पूर्व पुलिस अधिकारी को माफिया से तोहफे लेने का दोषी पाया गया?
सारांश
Key Takeaways
- पूर्व पुलिस अधिकारी विनोद कुमार को जांच में दोषी पाया गया।
- उन्होंने माफिया से तोहफे लिए थे।
- जांच में कई नियमों का उल्लंघन पाया गया।
- आगे की कार्रवाई के लिए मामला एसएसपी के पास भेजा गया।
पटना, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिक्रम पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ विनोद कुमार को एक आंतरिक जांच में दोषी ठहराया गया है। उन पर यह आरोप है कि उन्होंने अपने विदाई समारोह के दौरान रेत और शराब माफिया के लोगों के साथ-साथ आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों से तोहफे प्राप्त किए।
यह मामला तब प्रकाश में आया, जब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया गया कि विनोद कुमार ने बिक्रम थाना प्रभारी (एसएचओ) के रूप में अपनी विदाई समारोह में माफियाओं से तोहफे लिए, जिनके खिलाफ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई चल रही थी।
इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पटना के सिटी पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) भानु प्रताप सिंह ने तुरंत आरोपों की जांच कराने के आदेश दिए।
जांच 24 घंटे के भीतर पूरी की गई और प्रारंभिक रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, विनोद कुमार ने बिहार सरकारी कर्मचारी आचरण नियम, 1976 के नियम 14 का उल्लंघन किया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा तोहफे लेने पर प्रतिबंध है।
जांच में यह भी सामने आया कि विदाई समारोह में तोहफे लेने के लिए उन्होंने आवश्यक अनुमति नहीं ली थी।
इसके अतिरिक्त, जांच में पाया गया कि विनोद कुमार ने नियम 15 का भी उल्लंघन किया है, जिसके तहत थाना प्रभारी जैसे जिम्मेदार पद पर रहने वाले अधिकारियों को विदाई समारोह आयोजित करने से पहले सरकार से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है।
आरोप है कि यह विदाई समारोह बिना किसी अनुमति के आयोजित किया गया था।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि समारोह में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग भी मौजूद थे, जिसे पुलिस प्रशासन ने गंभीर मामला माना है।
अधिकारियों ने कहा कि इस तरह का व्यवहार सामुदायिक पुलिसिंग के सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे पुलिस का जनता पर विश्वास कमजोर होता है।
इन तथ्यों के आधार पर भानु प्रताप सिंह ने विनोद कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
विदाई समारोह में मिले तोहफों का अलग से मूल्यांकन किया जाएगा और आगे की विभागीय कार्रवाई के लिए सिफारिश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पटना को भेज दी गई है।
पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि तोहफे लेना, आचरण नियमों का उल्लंघन करना और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से संबंध रखना किसी भी सरकारी अधिकारी के लिए गंभीर अपराध है।
ऐसे कृत्य न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि पुलिस विभाग की छवि और विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
अब यह मामला विभागीय नियमों के अनुसार उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एसएसपी पटना के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।